नई दिल्ली ! उच्च अध्ययन को बल देते हुए और हर राज्य में एक बड़ा केंद्रीय संस्थान देने का वादा करते हुए भारत ने शनिवार को उच्च शिक्षा के लिए 26,855 करोड़ रुपये जारी किए। यह राशि पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है। 2015-16 के लिए सरकार ने 26,855 करोड़ रुपये मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय के लिए आवंटित किया है। पिछले वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान इस मद में 23,700 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था। नया आवंटन पिछले के मुकाबले 13.31 प्रतिशत अधिक है।वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 का बजट पेश करते हुए कहा कि पिछले वर्ष जुलाई में अपने भाषण में संकेत दिया था कि उनका इरादा हर प्रदेश में एक बड़ा केंद्रीय संस्थान उपलब्ध कराने का है।जेटली ने कहा, "..असल में वित्त वर्ष 2015-16 में मैं कर्नाटक में एक आईआईटी स्थापित करने और भारतीय खनन विद्यालय, धनबाद को पूर्ण रूप से आईआईटी में उन्नत करने का प्रस्ताव करता हूं। मैं अमृतसर में हॉर्टिकल्चर अनुसंधान एवं शिक्षण स्थापित करने का भी प्रस्ताव करता हूं।"वित्त मंत्री ने कहा कि 68,968 करोड़ रुपये की धनराशि शिक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित की गई है, जिसमें मध्याह्न् भोजन भी शामिल है।स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता के लिए आवंटन में हालांकि 9.79 प्रतिशत की गिरावट है। सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में किए गए 46,805 करोड़ रुपये के आवंटन की तुलना में 2015-16 वित्त वर्ष में विभाग के लिए 42,219.5 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने जेटली द्वारा लड़कियों की शिक्षा को महत्व देने की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह तथ्यात्मक बजट है जो बुनियादी ढांचे पर ढेर सारा जोर देता है।जेटली ने जम्मू एवं कश्मीर और आंध्र प्रदेश में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) स्थापित करने की घोषणा की तो केरल में मौजूद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हीयरिंग को नि:शक्तता अध्ययन एवं पुनर्वास विश्वविद्यालय में उन्नत करने की भी घोषणा की।उन्होंने कहा, "मैं महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में फर्मास्यूटिकल्स शिक्षा एवं अनुसंधान और नागालैंड एवं ओडिशा में विज्ञान एवं शिक्षा अनुसंधान संस्थान का प्रस्ताव करता हूं।"जेटली ने अरुणाचल प्रदेश में पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए फिल्म प्रोडक्शन, एनिमेशन एंड गैमिंग और हरियाणा और उत्तराखंड में अप्रैंटिसशिप प्रशिक्षण संस्थान का भी प्रस्ताव किया। वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार देश की 80,000 माध्यमिक स्कूलों का उन्नयन करना चाहती है।जेटली ने कहा कि सरकार जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए शिक्षा संबंधी ऋण और छात्रवृत्ति के मामले देखने के लिए एक प्राधिकरण स्थापित करेगी।जेटली ने कहा, "हम सुनिश्चित करेंगे कि कोई विद्यार्थी धन के अभाव में उच्च शिक्षा प्राप्त करने से न चूके।"उन्होंने कहा कि भारत की 70 फीसदी आबादी ग्रामीण है। ग्रामीण युवाओं को रोजगार देने का प्रयास देश के जनसांख्यिकीय विभाजन को कम करने की ओर महत्वपूर्ण उपाय है।जेटली ने कहा, "हमने इस बात को ध्यान में रखते हुए दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना की शुरुआत की है, जिसके लिए 1,500 करोड़ रुपये की धनराशि अनुमोदित की गई है। योग्य छात्रों को छात्रवृत्ति डिजिटल वाउचर के जरिए सीधे उनके बैंक खातों में जमा करा दी जाएगी।"