• उद्योग जगत को उच्च विकास दर की उम्मीद

    नई दिल्ली ! आर्थिक सर्वेक्षण 2014-15 पेश होने के बाद देश के उद्योग जगत ने उम्मीद जताई है कि अर्थव्यवस्था का बेहतर समय शुरू हो चुका है और आने वाले समय में दहाई अंक में विकास दर देखी जा सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा शुक्रवार को संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में अगले वर्ष के लिए आठ फीसदी से अधिक विकास दर की उम्मीद जताई गई है ...

    नई दिल्ली !   आर्थिक सर्वेक्षण 2014-15 पेश होने के बाद देश के उद्योग जगत ने उम्मीद जताई है कि अर्थव्यवस्था का बेहतर समय शुरू हो चुका है और आने वाले समय में दहाई अंक में विकास दर देखी जा सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा शुक्रवार को संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में अगले वर्ष के लिए आठ फीसदी से अधिक विकास दर की उम्मीद जताई गई है और उसमें कहा गया है कि महंगाई दर घट रही है और विकास दर बढ़ाने, मितव्ययिता तथा फलदायी निवेश को बढ़ावा देने के लिए इसमें सुधार की कार्ययोजना पेश की गई है।फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की अध्यक्ष ज्योत्स्ना सूरी ने कहा, "आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत उच्च विकास दर वाले युग की तरफ बढ़ने को तैयार है। तेजी की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और हमें सुधार के पथ पर आगे बढ़ना जारी रखना होगा, ताकि हम टिकाऊ विकास दर के रास्ते पर बने रह सकें।"भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष अजय एस. श्रीराम ने कहा, "सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था का सकारात्मक पक्ष पेश किया गया है और आने वाले वर्षो में 8.1 से 8.5 फीसदी विकास दर रहने की उम्मीद जताई गई है।"उन्होंने कहा, "सरकार के सुधारोन्मुख नजरिए के कारण उच्च विकास दर वाले समय की वापसी लगभग निश्चित है, जिससे निवेशक माहौल मजबूत बना है और भारत व्यवसाय करने के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बना है।"पीएचडी चैंबर के अध्यक्ष आलोक बी. श्रीराम ने 2015-16 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण में करीब आठ फीसदी विकास दर अनुमान को प्रेरणादायी और हासिल किए जा सकने योग्य बताया और कहा, "हम दहाई अंकों वाली विकास दर के सफर पर बढ़ने की उम्मीद करते हैं।"एसोसिएटेड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में स्पष्ट संकेत है कि संसद में राजनीतिक बाधाओं के बाद भी सरकार आर्थिक सुधार के पथ पर चलना जारी रखेगी।एसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने कहा, "व्यापक सुधार की गुंजाइश उद्योग जगत को आश्वस्त करने वाली है।"

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