• ममता से बगावत करने वाले हुमायूं कबीर पार्टी से निष्कासित

    कोलकाता | पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को पार्टी नेता और राज्य के पूर्व मंत्री हुमायूं कबीर को पार्टी की प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ बयानबाजी के मामले में एक दिन बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तृणमूल कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया है। तृणमूल की महासचिव प्रथा चटर्जी ने कहा, "हुमायूं कबीर को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है।...

    कोलकाता | पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को पार्टी नेता और राज्य के पूर्व मंत्री हुमायूं कबीर को पार्टी की प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ बयानबाजी के मामले में एक दिन बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तृणमूल कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया है। तृणमूल की महासचिव प्रथा चटर्जी ने कहा, "हुमायूं कबीर को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है। कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के बावजूद वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे। इसीलिए अनुशासन समिति ने यह कार्रवाई की।"मुर्शिदाबाद जिले से ताल्लुक रखने वाले कबीर पार्टी के प्रभावशाली नेताओं में से एक थे। उन्होंने बुधवार को ममता बनर्जी पर अपने भतीजे को उत्तराधिकारी बनाने और पार्टी महासचिव मुकुल रॉय को कमजोर बनाने का आरोप लगाया था।कबीर ने कहा था, "यह रॉय ही थे जो पार्टी को चलाते थे लेकिन अब ममता अपने भतीजे को राजा बनाना चाहती हैं। लेकिन जनता उनका सपना कभी पूरा नहीं होने देगी।" कबीर ने सार्वजनिक तौर पर मुकुल रॉय के प्रति अपना समर्थन जताया है। करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई द्वारा उनसे पूछताछ के बाद हाल के हफ्तों में पार्टी ने मुकुल रॉय से दूरी बना ली है। कबीर ने कहा, "मुझे शक है कि वह मुख्यमंत्री के पद पर काबिज रह पाएंगी अथवा नहीं। मौजूदा समय में उनके पास 190 विधायक हैं, अगर 50 विधायक उनका साथ छोड़ देते हैं तो उनकी सरकार अल्पमत में आ जाएगी और उन्हें इस्तीफा देना होगा।"कबीर का निष्कासन सूरी से तृणमूल विधायक स्वप्न कांत घोष के निष्कासन के एक दिन बाद हुआ है। स्वप्न कांत ने विधानसभा परिसर में केंद्रीय योजनाओं के लिए आने वाले धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया था, जिसके लिए उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई।

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