• पचौरी को मिली राहत, 27 मार्च तक गिरफ्तारी पर रोक

    नई दिल्ली ! पर्यावरणविद् आर. के. पचौरी को यौन उत्पीड़न मामले में गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित एक अदालत ने राहत देते हुए 27 मार्च तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजकुमार त्रिपाठी ने स्वास्थ्य के आधार पर पेश की गई अंतरिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए पचौरी को अंतरिम संरक्षण दे दिया।...

    नई दिल्ली !  पर्यावरणविद् आर. के. पचौरी को यौन उत्पीड़न मामले में गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित एक अदालत ने राहत देते हुए 27 मार्च तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजकुमार त्रिपाठी ने स्वास्थ्य के आधार पर पेश की गई अंतरिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए पचौरी को अंतरिम संरक्षण दे दिया।अदालत ने उन्हें दी एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के परिसर नहीं जाने का और न ही बिना अनुमति देश छोड़ने का निर्देश दिया है। अदालत ने उन्हें मामले के किसी भी गवाह को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रभाव में नहीं लेने और जब भी पुलिस को जरूरत पड़े तब जांच में शामिल होने के लिए कहा है।अदालत ने हालांकि जमानत अर्जी को लंबित रखा है और आगली सुनवाई के लिए 27 मार्च की तारीख तय की है। जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि पचौरी जांच में सहयोग नहीं कर रहे और पुलिस के सामने पूछताछ के लिए सिर्फ एकबार पेश हुए हैं।पुलिस ने कहा कि पचौरी ने पीड़िता को एसएमएस भेजे जाने और बातचीत होने से इंकार किया है। यह बताते हुए कि पीड़िता का बयान 30 पृष्ठ से ज्यादा में है और इसे रिकार्ड किया जा चुका है। पुलिस ने कहा कि पचौरी से पूछताछ मामले में आगे की जांच करने के लिए जरूरी है।शिकायतकर्ता के वकील प्रशांत मेहंदीरत्ता ने उल्लेख किया कि पचौरी अत्यंत रसूखदार व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ और भी लोग शिकायत दर्ज कराने के लिए आ रहे हैं, लेकिन यदि उन्हें संरक्षण दिया जाता है वे सामने नहीं आएंगे।पचौरी के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने हालांकि कहा कि उनके मुवक्किल चिकित्सकीय रूप से फिट नहीं हैं और विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे हैं।लूथरा ने अदालत से कहा कि पचौरी को जमानत पर छोड़ा जाए क्योंकि सबूतों के साथ छेड़खानी करने के चांस कम ही हैं। उन्होंने टेरी से अवकाश ले लिया है और मामले के गवाह को प्रभावित करने की स्थिति में नहीं हैं।पचौरी के वकील आशीष भान ने बाद में अदालत के आदेश पर अपनी खुशी जाहिर की।उन्होंने यहां एक बयान में कहा, "हम खुश हैं कि अदालत ने इस प्रथमदृष्टया आधार पर कि पूछताछ के लिए हिरासत की कोई जरूरत नहीं है, अंतरिम जमानत दे दी। अदालत द्वारा आयद सभी शर्ते सामान्य हैं और नियमित शर्ते हैं ताकि मामले की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच हो सके।"पचौरी ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन पर अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईपीसीसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। पचौरी ने हालांकि यौन उत्पीड़न आरोप का खंडन किया है। वह नई दिल्ली स्थित पर्यावरण थिंक टैंक टेरी के महानिदेशक भी हैं और उन्होंने इस संस्था से फिलहाल छुट्टी ले रखी है। टेरी के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि हृदय की समस्याओं के कारण पचौरी को 21 फरवरी को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके अस्पताल में भर्ती होने की खबर बुधवार को सामने आई।अपने विरोध को मजबूती से प्रदर्शित करती हुई महिला कार्यकर्ताओं ने बुधवार को टेरी शासकीय परिषद की ओर से कथित दुर्व्यवहार की शिकायत पर पचौरी के खिलाफ 'अनुशासनात्मक' जांच नहीं कराने पर सवाल उठाया और मांग की कि उन्हें जांच होने तक निलंबित कर दिया जाए।मशहूर वकील इंदिरा जयसिंह, कार्यकर्ता कविता कृष्णन, योजना आयोग की पूर्व सदस्य सैयदा हामिद एवं अन्य ने शासकीय परिषद को कड़े शब्दों में पत्र लिखा है और टेरी की आंतरिक शिकायत समिति के प्रिजाइडिंग अधिकारी द्वारा जांच होने तक पचौरी को उनके पद से 'निलंबित' किए जाने की मांग की।पद्मभूषण से सम्मानित 75 वर्षीय पचौरी पर एक महिला शोध विश्लेषक ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और उनके खिलाफ पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि सितंबर 2013 में टेरी से जुड़ने के कुछ समय बाद ही पचौरी ने उसका यौन उत्पीड़न शुरू कर दिया था।

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