नई दिल्ली ! मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सीताराम येचुरी ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी की सरकार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सरकार करार दिया और भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लेकर उस पर निजी व्यापार के हितों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में हिस्सा लेते हुए राज्य सभा में येचुरी ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार वोट बैंक की राजनीति के सबसे बदतर स्वरूप पर उतर आई है। उन्होंने कहा, "आरएसएस कोई बाह्य बल नहीं है।"येचुरी ने कहा कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में एक सम्मेलन के दौरान कहा था कि वह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीवन र्पयत आरएसएस के स्वयंसेवक रहेंगे।कुछ हिंदू समूहों द्वारा घर वापसी कार्यक्रम तथा मोहन भागवत की मदर टेरेसा पर टिप्पणी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "स्पष्ट रूप से यह आरएसएस की सरकार है।"माकपा नेता ने कहा कि समानता को मजबूत करके ही देश को एकीकृत रखा जा सकता है।उन्होंने कहा, "आप एकरूपता थोप रहे हैं, जिसकी मंजूरी नहीं दी जा सकती।"येचुरी ने कहा कि राजग सरकार द्वारा लाया गया अध्यादेश निजी शैक्षिक संस्थानों तथा निजी अस्पतालों की स्थापना को मंजूरी देता है।उन्होंने कहा, "आप यह काम क्यों कर रहे हैं। कारण यही है कि आपका इसमें हित जुड़ा है।"दिल्ली में भाजपा की हार पर चुटकी लेते हुए येचुरी ने कहा कि भाजपा ने उन्हीं राज्यों में जीत दर्ज की है, जहां विरोधी लहर थी और विपक्ष बंटा हुआ था।