• रेल बजट : यात्री किराया जस का तस, माल भाड़ा में 10 फीसदी तक वृद्धि

    नई दिल्ली ! रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को पेश अपने जीवन के पहले रेल बजट में यात्री किराया तो नहीं बढ़ाया, लेकिन डीजल सस्ता होने के बावजूद माल भाड़ा 10 फीसदी तक बढ़ा दिया। उन्होंने किसी राज्य को कोई नई गाड़ी भी नहीं दी। उन्होंने सेवा की गुणवत्ता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई घोषणाएं कीं और योजना मद को 52 फीसदी बढ़ाकर 2015-16 के लिए 1,00,011 करोड़ रुपये (16.7 अरब डॉलर) का कर दिया।...

    माल भाड़ा 10 फीसदी तक बढ़ा अब 4 महीने पहले रिजर्वेशनरेल  सुविधा पर खास जोरनई दिल्ली !   रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को पेश अपने जीवन के पहले रेल बजट में यात्री किराया तो नहीं बढ़ाया, लेकिन डीजल सस्ता होने के बावजूद माल भाड़ा 10 फीसदी तक बढ़ा दिया। उन्होंने किसी राज्य को कोई नई गाड़ी भी नहीं दी। उन्होंने सेवा की गुणवत्ता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई घोषणाएं कीं और योजना मद को 52 फीसदी बढ़ाकर 2015-16 के लिए 1,00,011 करोड़ रुपये (16.7 अरब डॉलर) का कर दिया।बजट प्रस्तावों के तहत नौ मार्गो पर कुछ यात्री रेलगाड़ियों की गति 50 फीसदी बढ़ेगी, माल गाड़ी की गति भी बढ़ाई जाएगी, ऊपर वाले बर्थ पर जाने के लिए सुविधाजनक सीढ़ियों की व्यवस्था की जाएगी।बजट में 400 स्टेशनों पर वाई-फाई की व्यवस्था, एस्केलेटरों के लिए अधिक आवंटन, अनारक्षित टिकटों के लिए आसान नियम, रेलगाड़ियों में 17 हजार जैविक शौचालय, पूर्वोत्तर के लिए बेहतर संपर्क और महिला सुरक्षा के लिए कैमरे जैसे प्रावधान किए गए।लोकसभा में करीब एक घंटे के बजट भाषण में प्रभु ने कहा, "यात्री किराये में कोई वृद्धि नहीं होगी। हम यात्री सुविधा पर अधिक ध्यान देंगे, जिसमें स्वच्छता भी शामिल है।"प्रभु ने अपने बजट भाषण में माल भाड़ा बढ़ाने का हालांकि जिक्र नहीं किया, फिर भी उन्होंने इसमें 2.1 फीसदी से लेकर 10 फीसदी तक की वृद्धि की।जुलाई में प्रस्तुत रेल बजट में मोदी सरकार ने यात्री किराये में करीब 15 फीसदी और माल भाड़े में 6.5 फीसदी वृद्धि की थी।मंत्री ने संचालन अनुपात को घटाकर 88.5 फीसदी करने का लक्ष्य दिया। इसका मतलब है कि प्रत्येक 100 रुपये कमाने के लिए रेलवे 88.5 रुपये खर्च करेगी। यानी शेष बचत होगा, जिसका उपयोग सुरक्षा और विस्तार पर किया जा सकेगा।वर्ष 2013-14 में संचालन अनुपात 93.6 फीसदी था, जो मौजूदा कारोबारी साल में 91.8 फीसदी है। वैश्विक स्तर पर 75-80 फीसदी या इससे कम को स्वस्थ्य सीमा माना जाता है।रेलवे के पास पड़ी अतिरिक्त जमीन तथा अन्य संपत्तियों के बारे में प्रभु ने कहा कि उसे बेचा नहीं जाएगा, बल्कि उसका दोहन किया जाएगा।उन्होंने कहा, "वित्त मंत्रालय से बजटीय सहायता मांगने की आम प्रथा न तो टिकाऊ है और न ही जरूरी है।"उन्होंने यात्री किराये से होने वाली आय में 16.7 फीसदी और माल भाड़े से होने वाली आय में 13.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान दिया और योजना मद को 52 फीसदी बढ़ाते हुए 1,00,011 करोड़ रुपये कर दिया। उन्होंने वित्तीय फासले की भरपाई के लिए बाजार से जुटाई जाने वाली राशि में 46.5 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव रखा।रेल बजट की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "रेल बजट 2015 दूरदृष्टि युक्त और यात्री केंद्रित है। इसमें स्पष्ट सोच के साथ उसे हासिल करने की एक स्पष्ट योजना भी है।"यह बात हालांकि बाजार पर लागू नहीं होती। रेल बजट प्रस्तुत होते ही बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में करीब 261 अंक या करीब एक फीसदी गिरावट दर्ज की गई और रेलवे से संबंधित अधिकतर कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए।प्रभु ने कहा, "पिछले कुछ दशकों में रेलवे की सुविधा में व्यापक सुधार नहीं हुआ है। इसका एक प्रमुख कारण ऐतिहासिक रूप से रेलवे में कम निवेश होना है।"उन्होंने कहा, "इसके परिणामस्वरूप क्षमता सुधार प्रभावित हुआ, सुरक्षा प्रभावित हुई और सेवाओं की गुणवत्ता घटी। इसके परिणामस्वरूप क्षमता घटी है और माल ढुलाई और यात्रियों की संख्या जितनी होनी चाहिए उतनी हो नहीं पाई और वित्तीय संसाधन में कमी रही। इसके परिणाम स्वरूप निवेश में कमी का एक दुष्चक्र शुरू हो गया।"उन्होंने कहा, "इसे समाप्त करना होगा। हमें भारतीय रेल को सुरक्षा और अवसंरचना के मामले में मानक संगठन बनाना होगा।"शब्दों के साथ खेलते हुए प्रभु ने प्रभु को भी याद किया और कहा, "मैंने पूछा 'हे प्रभु' यह सब कैसे होगा।" इस पर हंसी के फव्वारे छूटे। उन्होंने कहा, "भगवान ने कुछ जवाब नहीं दिया और भारतीय रेल में फिर से जान फूंकने की यह जिम्मेदारी मैंने खुद पर ले ली।"इससे पहले मंत्री ने भारतीय रेल पर एक श्वेतपत्र पेश किया था। उनके मुताबिक, रेल बजट और दृष्टिकोण 2030 दस्तावेज के साथ मिलकर यह एक तिकड़ी बनाएगा। दृष्टिकोण दस्तावेज इस साल के आखिर में पेश होगा।भारतीय रेल की माली हालत सुधारने के लिए उन्होंने चार लक्ष्य भी निर्धारित किए : ग्राहकों के अनुभव में सुधार, सुरक्षित यात्रा, आधुनिक अवसंरचना और वित्तीय स्व-टिकाऊपन। उन्होंने कहा, "हम स्वच्छता के लिए एक अलग विभाग भी स्थापित करेंगे।"भारतीय रेल अपने नेटवर्क में 7,172 स्टेशन, 12,617 यात्री रेलगाड़ी और 7,412 माल गाड़ियों का संचालन करती है।

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