शिवसेना ने किया भागवत का समर्थनसंघ प्रमुख मोहन भागवत ने जो कुछ भी कहा वह सच है, क्योंकि ईसाई मिशनरीज का मुख्य काम भारत और विश्वभर में सदियों से धर्मांतरण कराना रहा है, धर्मांतरण सेवा के नाम पर किया गया : उद्धव ठाकरेमुंबई ! शिवसेना ने मदर टेरेसा को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत के बयान पर उनकी प्रशंसा करते हुए इसे 'राष्ट्र सेवाÓ करार दिया। शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामनाÓ में बुधवार को प्रकाशित संपादकीय में कहा, 'उन्होंने जो कुछ भी कहा वह सच है, क्योंकि ईसाई मिशनरीज का मुख्य काम भारत और विश्वभर में सदियों से धर्मांतरण कराना रहा है। संपादकीय में पूर्वोत्तर के राज्यों, झारखंड और छत्तीसगढ़ के जनजातीय इलाकों का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि धर्मांतरण सेवा के नाम पर किया गया और लोगों को भोजन, कपड़े और पैसे का लालच दिया गया। मिशनरीज सेवा और धन के नाम पर लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं। वे लोगों से कहते हैं कि चूंकि हिंदू धर्म आपको भौतिक वस्तुएं प्रदान नहीं करता, इसलिए आप ईसा मसीह के सेवक बन जाएं। इससे आपको लाभ मिलेगा।ÓÓ शिवसेना ने इस्लाम पर भी धर्मांतरण करवाने का आरोप लगाया और कहा कि इस समुदाय के लोग तलवार के बल पर तथा धमकियां देकर लोगों का धर्मांतरण करवाते हैं, जिसकी वजह से ये भी ईसाई मिशनरियों की तरह की कुख्यात हो गए हैं। संपादकीय में हालांक 'स्वैच्छिक धर्मांतरणÓ की आलोचना से परहेज किया गया है। इसमें कहा गया है, कोई भी स्वैच्छिक धर्मांतरण नहीं रोक सकता, लेकिन वे सेवा के नाम पर ऐसा करते हैं। यह 'सेवाÓ शब्द का दुरुपयोग है।ÓÓ शिवसेना ने हालांकि यह भी कहा कि वह मदर टेरेसा तथा मानवता के लिए जीवनपर्यंत उनकी सेवा का सम्मान करती है। पार्टी के मुताबिक, इसी तरह की सेवा बाबा आम्टे, उनके बेटे प्रकाश आम्टे, अभय बांग और रानी बांग, इससे पहले संत गडजे महाराज जैसे लोगों ने भी की है और उन्होंने यह काम धर्मांतरण के बगैर किया। पार्टी के मुताबिक, ऐसे में जबकि सेवा की आड़ में धर्मांतरण हो रहा है, इस मुद्दे पर भागवत की टिप्पणी 'राष्ट्र सेवाÓ की तरह है। भागवत ने यह बयान देकर राष्ट्र सेवा का काम किया है। हम उन्हें बधाई देते हैं। उन्होंने उस बात को औपचारिक रूप दिया है, जो बाल ठाकरे लंबे समय तक कहते रहे। राजस्थान के भरतपुर में सोमवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा था कि मदर टेरेसा ने धर्मांतरण के लक्ष्य के साथ गरीबों की सेवा की थी।