• 'कोयला नीलामी ने साबित किया कोल ब्लॉक में घोटाला'

    बेंगलुरु ! धातु व सीमेंट कंपनियों द्वारा कोयला ब्लाकों के लिए आक्रामक बोली के बीच संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि नीलामी की सफलता से साबित होता है कि घोटाला हुआ था, और यह केवल नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की कल्पना नहीं था। नायडू ने कहा कि इससे भाजपा का रुख सही साबित होता है। नायडू ने कहा, भाजपा का इस मामले की गहराई से जांच का रुख सही साबित हुआ।...

    केंद्रीय मंत्रियों ने कहा, कोयला घोटाले में सही थी कैग की रिपोर्टबेंगलुरु !   धातु व सीमेंट कंपनियों द्वारा कोयला ब्लाकों के लिए आक्रामक बोली के बीच संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि नीलामी की सफलता से साबित होता है कि घोटाला हुआ था, और यह केवल नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की कल्पना नहीं था। नायडू ने कहा कि इससे भाजपा का रुख सही साबित होता है। नायडू ने कहा, भाजपा का इस मामले की गहराई से जांच का रुख सही साबित हुआ। तत्कालीन वित्त मंत्री की दलील कि इसमें शून्य नुकसान हुआ, गलत साबित हुई। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि कोई घोटाला नहीं हुआ। लेकिन अब यह साफ हो गया है कि देश को 1.86 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ था। नायडू ने कहा कि मोदी सरकार के 20 खानों के लिए उचित व पारदर्शी बोली के फैसले से देश को फायदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ चार दिन में पेशकश 60,000 करोड़ रुपये को पार कर गई है और इससे खान के धनी राज्यों को सबसे अधिक फायदा होगा। देश की पहली खानों की नीलामी के लिए 19 ब्लाकों की पेशकश की गई है। 14 खानें करीब 80,000 करोड़ रुपये में बिक चुकी हैं।  केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा नीलामी से सीएजी की वह आलोचना सत्यापित हुई है, जिसमें उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के आबंंटन के पूर्व सरकार के तौर-तरीके को अनुचित करार दिया था। सीतारमण ने एक कार्यक्रम से अलग कहा, 'कोयला ब्लॉक आबंटन पर सीएजी की पिछली रपट की दुर्भाग्यवश अनावश्यक रूप से आलोचना की गई थी, लेकिन आज के आंकड़े और जिस पारदर्शी तरीके से इस सरकार ने कोयला ब्लॉक आबंटन की डिजाइन तैयार की है, उससे दोनों बातें साफ हुई हैं। उन्होंने कहा, सीएजी का रुख निश्चित तौर पर सत्यापित हुआ है, लेकिन मैं यहां इससे बड़ी बात कहना चाहती हूं। हमारे रुख की पुष्टि हुई है। उल्लेखनीय है कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने 2012 में एक रपट में अनुमान लगाया था कि तत्कालीन संप्रग सरकार के कार्यकाल में हुए कोयला ब्लॉक आबंटनों से सरकारी खजाने को 186,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले सितंबर में 204 कोयला खदानों के आवंटन रद्द कर दिए थे। उसके बाद सरकार ने कोयला ब्लॉकों की नीलामी करने का निर्णय लिया।  पहले दौर में 19 ब्लॉकों की नीलामी हो चुकी है। इस दौर की नीलामी का अंतिम दिन 22 फरवरी है। दूसरी तरफ सर्वोच्च न्यायालय ने कोयला ब्लॉकों की चल रही नीलामी के सातवें दिन शुक्रवार को सरकार ने कहा कि दूसरे दौर की नीलामी 25 फरवरी से शुरू होगी।सरकार ने अब तक कोयला ब्लॉक नीलामी से 84,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं।  इस समय उन कोयला ब्लॉकों की नीलामी चल रही है, जिनका आबंंटन सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था।  केंद्रीय कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा,  दूसरे दौर की नीलामी 25 फरवरी से शुरू होगी और दो अप्रैल तक चलेगी। स्वरूप ने कहा कि अनियमित क्षेत्र के लिए 27 ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, जबकि 56 ब्लॉक नियमित बिजली क्षेत्र को आबंंटित किए जाएंगे।

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