• भाजपा ने बेदी को मुख्यमंत्री प्रत्याशी नियुक्त कर महिला सुरक्षा पर खेला बड़ा दांव

    नई दिल्ली ! राष्ट्रीय राजधानी में महिला सुरक्षा जैसे बेहद गंभीर मुद्दे पर आगामी विधानसभा चुनाव में उतरीं महिला प्रत्याशी भी ख्वाब दिखाने वाले ऊंचे-ऊंचे वादे ही कर रही हैं। महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक परिवहन में सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षाकर्मी नियुक्त करना, पुरुषों को महिलाओं के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए प्रशिक्षण, महिला यात्रियों को ले जा रहे कैब चालकों को अचानक फोन करना जैसे वादे उनमें से कुछ हैं।...

    नई दिल्ली !   राष्ट्रीय राजधानी में महिला सुरक्षा जैसे बेहद गंभीर मुद्दे पर आगामी विधानसभा चुनाव में उतरीं महिला प्रत्याशी भी ख्वाब दिखाने वाले ऊंचे-ऊंचे वादे ही कर रही हैं। महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक परिवहन में सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षाकर्मी नियुक्त करना, पुरुषों को महिलाओं के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए प्रशिक्षण, महिला यात्रियों को ले जा रहे कैब चालकों को अचानक फोन करना जैसे वादे उनमें से कुछ हैं।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व आईपीएस अधिकारी किरन बेदी को अपना मुख्यमंत्री प्रत्याशी नियुक्त कर राजधानी में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर बड़ा दांव खेला है।राष्ट्रीय राजधानी पिछले कुछ वर्षो से लगातार महिलाओं के खिलाफ अपराधों के कारण चर्चा में रहा है और महिलाओं के लिए बेहद असुरक्षित शहर के रूप में इसकी पहचान बनने लगी है।महिला सुरक्षा को लेकर इस दौरान कई बड़े धरना-प्रदर्शनों का गवाह रही दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनाव में हालांकि 673 में सिर्फ 19 महिला प्रत्याशी ही मैदान में हैं।दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुख्य प्रतिद्वंद्वी मानी जा रहीं तीनों बड़े राजनीतिक दलों भाजपा, आप और कांग्रेस ने महिला सुरक्षा को लेकर वादे तो बहुत बड़े-बड़े किए हैं, लेकिन भाजपा ने जहां सिर्फ आठ महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया है, वहीं कांग्रेस ने छह और आप ने सिर्फ पांच महिला प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं।दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीट हैं, जिसमें कुल 1.33 करोड़ मतदाता है। इनमें से 59 लाख महिला मतदाता हैं।कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं पटेल नगर से प्रत्याशी कृष्णा तीरथ ने कहा, "निश्चित तौर पर महिला सुरक्षा बड़ा मुद्दा है। समस्या की मूल वजह लिंगानुपात का लगातार विषम होता जाना और दहेज जैसी सामाजिक बुराइयां हैं।"संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पिछली सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रह चुकीं तीरथ ने आईएएनएस से कहा, "केंद्रीय मंत्री रहते हुए मैंने लड़कों के लिए 'सक्षम' नाम से एक योजना शुरू की थी, जिसका लक्ष्य लड़कों को लिंगानुपात के प्रति जागरूक करना था। वह योजना दिल्ली में भी लाने का प्रस्ताव दूंगी।"भाजपा के पूर्व सलाहकार एवं तिमारपुर से प्रत्याशी रजनी अब्बी ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए बनाए गए सभी कानूनों को लागू किए जाने की जरूरत है।अब्बी ने आईएएनएस से कहा, "इस तरह के मामलों की सुनवाई तेजी से की जानी चाहिए।"अब्बी ने कहा, "पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने जैसे नए उपायों पर भी विचार किया जाएगा। अगर बराक ओबामा के दौरे के लिए इतने कैमरे लगाए जा सकते हैं, तो महिलाओं की रोजाना सुरक्षा के लिए क्यों नहीं?"अब्बी ने यह भी कहा कि भाजपा की मुख्यमंत्री प्रत्याशी किरन बेदी पुलिस अधिकारी रह चुकी हैं और महिला सुरक्षा के मामले में उन्हें विशेषज्ञता हासिल है।कांग्रेस की ग्रेटर कैलाश से प्रत्याशी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, "दिल्ली पुलिस को सार्वजनिक परिवहन में पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ानी होगी। सार्वजनिक परिवहन में सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। इतना ही नहीं बल्कि उन पर नजर भी रखनी होगी।"शर्मिष्ठा ने होम गार्ड और महिला सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाने का वादा भी किया।दिल्ली सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रह चुकीं कांग्रेस की किरण वालिया ने कहा कि उन्हीं की पार्टी ने राजधानी में महिला सुरक्षा के लिए कई अहम योजनाएं शुरू कीं।वालिया ने कहा, "आप पार्टी ने अपने 49 दिनों के कार्यकाल में महिला सुरक्षा के लिए शुरू की गई उनमें से अधिकांश योजनाओं को बंद कर दिया।"आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा से महिला सुरक्षा का मामला उठाती रही है और अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो एक विशेष सुरक्षा बल का गठन किया जाएगा, जिसमें 10,000 महिला सुरक्षाकर्मियों की नई भर्ती की जाएगी।शालिमार बाग से खड़ी वंदना ने कहा, "महिलाओं की सुरक्षा पूरी तरह सुनिश्चित करने के लिए हम सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षाकर्मियों को तैनात करेंगे।"

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