• पर्रिकर के गढ़ में एक आईआईटी उम्मीदवार की चुनौती

    पणजी ! गोवा की राजधानी आईआईटी-बम्बई के पूर्व छात्रों के लिए राजनीति में कदम रखने का चुनावी मैदान बनती दिख रही है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर भी आईआईटी के छात्र थे और पणजी से पांच बार विधायक चुने गए। पिछले वर्ष नवंबर में केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री बनाए जाने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया। इस बार के उपचुनाव में उसी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के छात्र रह चुके समीर केलेकर मैदान में अपनी टोपी लहरा रहे हैं।...

    पणजी !   गोवा की राजधानी आईआईटी-बम्बई के पूर्व छात्रों के लिए राजनीति में कदम रखने का चुनावी मैदान बनती दिख रही है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर भी आईआईटी के छात्र थे और पणजी से पांच बार विधायक चुने गए। पिछले वर्ष नवंबर में केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री बनाए जाने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया। इस बार के उपचुनाव में उसी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के छात्र रह चुके समीर केलेकर मैदान में अपनी टोपी लहरा रहे हैं।केलेकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थक हैं। पिछले वर्ष एक फेसबुकर को सोशल नेटवर्किं ग साइट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन मुख्यमंत्री पर्रिकर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने की चेतावनी दी थी। यह व्यक्ति केलेकर थे।पणजी में 13 फरवरी को मतदान होगा।मुंबई में पोवाई स्थित प्रौद्योगिकी संस्थान में केलेकर पर्रिकर से पांच वर्ष कनिष्ठ रहे हैं। उनके सामने हालांकि सबसे बड़ी चुनौती उपचुनाव है जहां उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर किस्मत आजमाने उतरे मौजूदा मेयर सुरेंद्र फुर्तादो और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सिद्धार्थ कुन्कोलिएन्कर से हो रहा है। भाजपा के प्रत्याशी हाल तक पर्रिकर के राजनीतिक सहायक रहे हैं। केलेकर यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। केलेकर ने आईएएनस से कहा, "यह कोई आसान काम नहीं है, हालांकि महज 30,000 मतदाताओं के बीच चुनाव लड़ना है। यह एक छोटा सा चुनाव क्षेत्र है और हमारे पास स्वयंसेवक है। यह साध्य है।"केलेकर का आशावाद सिविल सोसायटी की एक छोटी सी जमात पर ही नहीं टिका है, बल्कि निराशा और आईआईटी के पूर्व छात्र के रक्षा मंत्री बनने से पहले अपना वादा पूरा करने में विफलता का पीछ करने में भी बसा है। केलेकर ने कहा, "यह आश्चर्यजनक और हताश करने वाली बात है कि आईआईटी का एक पूर्व छात्र अपने वादे को पूरा नहीं कर सकता। पर्रिकर जैसे आईआईटी में पढ़े व्यक्ति से ढेर सारी आशाएं थीं और और यह हाताशा की बात है, लेकिन मैं अपना वादा पूरा करूंगा।"यह पूछे जाने पर कि आखिर लोग एक और आईआईटी शिक्षित पर फिर क्यों भरोसा करें जब उसी संस्थान से पहले पढ़कर निकले पूर्ववर्ती अपने विरोधियों और सिविल सोसायटी दरकिनार कर निकल गए हों। इस पर केलेकर ने कहा, "आईआईटी तो मेरे लिए बस एक पड़ाव है। अधिकांश लोगों के लिए आईआईटी सबकुछ और निश्चिंतता की मंजिल है। आईआईटी में जाने से पहले सामाजिक जागरूकता के प्रति मैं बेहद सजग था और एक पेशेवर के रूप में मेरे पास अनुभव का खजाना है।"उन्होंने अपने चुनावी वादे में पणजी को वाई-फाई सिटी बनाने, कचरा प्रबंधन और यातायात व्यवस्था में सुधार को शीर्ष पर रखा है।

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