• महाराष्ट्र में कृषि क्षेत्र के लिए 1.80 लाख करोड़ का ऋण देगा नाबार्ड

    नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने महाराष्ट्र में प्राथमिक क्षेत्र को ऋण देने के लिए अगले वित्त वर्ष में 1.80 लाख करोड़ रूपये की राशि तय की है। नाबार्ड ने कहा है कि यह चालू वित्त वर्ष में तय राशि 9।234 करोड़ रूपये से लगभग दोगुनी है। महाराष्ट्र के लिए जारी नाबार्ड के आंकड़ों में सभी 36 जिलों के संभावित ऋण का सम्मिलित आंकलन किया गया है। इसमें राज्य में कार्यरत बैंकों के लिए अपनी ऋण योजनाों में आवश्यक बदलाव कर महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ऋण वितरण के निर्देश दिये गये हैं। ...

    नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने महाराष्ट्र में प्राथमिक क्षेत्र को ऋण देने के लिए अगले वित्त वर्ष में 1.80 लाख करोड़ रूपये की राशि तय की है। नाबार्ड ने कहा है कि यह चालू वित्त वर्ष में तय राशि 9।234 करोड़ रूपये से लगभग दोगुनी है। महाराष्ट्र के लिए जारी नाबार्ड के आंकड़ों में सभी 36 जिलों के संभावित ऋण का सम्मिलित आंकलन किया गया है। इसमें राज्य में कार्यरत बैंकों के लिए अपनी ऋण योजनाों में आवश्यक बदलाव कर महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ऋण वितरण के निर्देश दिये गये हैं। इसमें राज्य सरकार को विभिन्न क्षेत्रों की महत्वपूर्ण ढांचागत कमियों को दूर करने के लिए बजट तैयार करने के भी निर्देश दिये गये हैं। नाबार्ड ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र का ऋण 65512.18 करोड़ रूपये तक हो सकता है और गै. कृषि क्षेत्र एवं अन्य प्राथमिक क्षेत्रों का ऋण क्रमश: 62141.96 करोड़ रूपये और 52378.15 करोड़ रूपये हो सकता है। क्षेत्रवार एवं कार्यवार विश्लेषण करने पर कृषि क्षेत्र को ऋण देने की क्षमता 46634.10 करोड़ रूपये तय की गयी है तथा गैर.कृषि क्षेत्रों जैसे जल. संसाधन के लिए 4059.44 करोड़ रूपये, कृषि मशीनीकरण के लिए 2640.06 करोड़ रूपये, पौधारोपण एवं बागवानी के लिए 2794.96 करोड़ रूपये और भंडारण के लिए 1706.52 करोड़ रूपये की राशि तय की गयी है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि नाबार्ड कृषि एवं इससे जुड़े क्षेत्रों में अच्छा काम कर रहा है। राज्य में कृषि के विकास के लिए नाबार्ड. राज्य सरकार और बैंकों को मिलकर काम करने की जरूरत है। हमें ऋण विस्तारण, टिकाऊ नीति एवं खर्च की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बैंकों और राज्य सरकार की एजेंसियों को नाबार्ड द्वारा उपलब्ध राशि को किसानों और आम लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है। ऋण विस्तारण योजनाों को प्रभावी ढंग से अमल में लाने के लिए सूक्ष्म स्तर की योजनाएं बहुत महत्वपूर्ण हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य में बैंकों का विस्तृत नेटवर्क है। पिछले साल 31 मार्च तक राज्य में व्यावसायिक बैंकों, स्थानीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों की कुल 13844 शाखाएं कार्यरत थीं।

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