• निर्माण एजेंसी लैकपेड के खाते सील

    लखनऊ ! प्रदेश के सहकारी विभाग के तहत काम करने वाली एक पुरानी निर्माण एजेंसी लैकफेड बंद होने की कगार पर है। आयकर विभाग ने लैकफेड पर 48 करोड़ का टैक्स बकाया होने पर हाल में ही इसके सारे खाते सीज कर दिए हैं। अफसरों के सामने मुश्किल यह है कि वह संस्था के रोज-ब-रोज के खर्चे कहां से करें और सौ से अधिक कर्मचारियों को वेतन आखिर किस मद से दें। विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।...

    लखनऊ !   प्रदेश के सहकारी विभाग के तहत काम करने वाली एक पुरानी निर्माण एजेंसी लैकफेड बंद होने की कगार पर है। आयकर विभाग ने लैकफेड पर 48 करोड़ का टैक्स बकाया होने पर हाल में ही इसके सारे खाते सीज कर दिए हैं। अफसरों के सामने मुश्किल यह है कि वह संस्था के रोज-ब-रोज के खर्चे कहां से करें और सौ से अधिक कर्मचारियों को वेतन आखिर किस मद से दें। विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। कर्मचारी हाथ-पैर मारने लगे हैं कि उन्हें किसी और विभाग में भेज दिया जाए। हालांकि अफसर जुगाड़ खोजने में लगे हैं कि संस्था का अस्तित्व किसी तरह बचा लिया जाए। प्रदेश में मायावती सरकार के जमाने में लैकफेड और पैकफेड में हुए घोटालों में अफसरों के जेल जाने और इनकी सीबीआई जांच के मामले किसी से छिपे नहीं लेकिन अफसरों की मनमानी की परतें अब रोजाना सामने आ रही हैं क्योंकि भ्रष्टाचार और मनमानियों के मामलों पर शासन में बैठे अफसरों ने जांच पड़ताल तेज कर दी है। इसी क्रम में पिछले हफ्ते एक मामला और खुला जब आयकर विभाग ने लैकफेड का नोटिस थमाते हुए इसके खाते सीज करा दिए। आरोप है कि वर्ष 2010-11 में हुई आमदनी पर लैकफेड ने टैक्स जमा ही नहीं किया। आयकर के अधिकारियों ने कई बार चि_ी लिखी लेकिन यहां के अफसर लगातार उनकी अनदेखी करते रहे। अंतत: 48 करोड़ का टैक्स बकाया दिखाते हुए आयकर विभाग ने सख्त कार्रवाई कर दी तो लैकफेड में हड़कंप मच गया।

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