• राज्यों के सशक्त होने से मजबूत होगा केंद्र : महाजन

    लखनऊ| उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को 30 साल बाद 77वें ऑल इंडिया 'स्पीकर्स कान्फ्रेंस' का आयोजन किया गया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि केन्द्र की मजबूती के लिए सभी राज्यों का सशक्त होना जरूरी है। महाजन ने कहा कि लंबे समय बाद लखनऊ में सभी राज्यों के पीठासीन अधिकारियों की बैठक का आयोजन हो रहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे बधाई के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र को मजबूत बनाने के लिए पहले राज्यों का मजबूत होना बेहद जरूरी है। ...

    लखनऊ| उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को 30 साल बाद 77वें ऑल इंडिया 'स्पीकर्स कान्फ्रेंस' का आयोजन किया गया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि केन्द्र की मजबूती के लिए सभी राज्यों का सशक्त होना जरूरी है। महाजन ने कहा कि लंबे समय बाद लखनऊ में सभी राज्यों के पीठासीन अधिकारियों की बैठक का आयोजन हो रहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे बधाई के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र को मजबूत बनाने के लिए पहले राज्यों का मजबूत होना बेहद जरूरी है। यह संघीय ढांचे की मांग भी है। इस सम्मेलन में हम विधायी निकायों को 'कागज-मुक्त' करने के मुद्दे पर अहम चर्चा करेंगे। इसके पूर्व विधान भवन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों और सचिवों के सम्मलेन का उद्घाटन किया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष माता प्रदेश पांडे ने स्वागत भाषण दिया। सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद अखिलेश ने सबसे पहले सभी राज्यों से आए पीठासीन अधिकारियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में पीठासीन अधिकारियों की भूमिका अहम होती है। लोगों का विश्वास और भरोसा चुनाव प्रणाली और प्रक्रिया पर बना रहे, इसके लिए लगातार कोशिश होती रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में राज्य विधानसभाओं के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा सात अहम बिंदुओं पर चर्चा होगी। गौरतलब है कि 'स्पीकर्स कांफ्रेंस' में संविधान संशोधन में राज्य विधानसभाओं की भूमिका बढ़ाने पर भी चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही लोकसभा द्वारा निर्धारित कई अहम मुद्दों पर भी विचार होगा। इनमें प्रश्नकाल की प्रक्रिया को बढ़ाने, विशेषाधिकार को बढ़ाने, संविधान की धारा 368 (राज्य विधानसभाओं के अधिकार क्षेत्र), नोटिसों की प्राथमिकता तय करने की प्रक्रिया जैसे मुद्दे पर भी चर्चा होगी।

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