आरकेएम प्लांट में नहीं थम रहा हादसों का सिलसिलाजांजगीर ! डभरा क्षेत्र में स्थापित आरकेएम पावर प्लांट में फिल्टर प्लांट से गिर जाने से इंजीनियर की मौत हो गई। पुलिस से मिली जानकारी अनुसार आरकेएम पावर प्लांट में जैजैपुर तुषार निवासी इंजीनियर कार्यरत लखेश्वर चंद्रा आज सुबह 6 बजे रोज की भाति प्लांट में काम कर रहा था। अचानक अनियंत्रि होकर फिल्टर प्लांट में गिरकर मशीन के चपेटे में आ गया। जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गया। आसपास के अन्य काम कर रहे मजदूरों ने किसी तरह बाहर निकाला और इलाज के रायगढ़ जिंदल अस्पताल ले गये। जहां इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घटना पर डभरा थाने में अभी तक मामला दर्ज नहीं हो सका है। डॉक्टरी मेमो के बाद ही मामला दर्ज करने की बात कह रहे है। जिले के डभरा विकासखण्ड में स्थित आरकेएम पावर प्लांट में मजदूरो के जान से खिलवाड़ करने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है जहां सुरक्षा उपायों की अनदेखी के शिकार वहां कार्यरत मजदूर व कर्मचारी हो रहे है। दो दिन पहले ही आरकेएम पावर प्लांट में झारखण्ड के मजदूर करमदेव का सदिग्ध स्थिति में मौत हो गया थी। इस घटना को लेकर प्लांट में काम करने वाले मजदूरो में तनाव का माहौल था, मजदूर के परिजनों को उचित मुवावजा मिलने के बाद बड़ी मुश्किल से माहौल शांत हुआ था। आज सुबह फिर काम करने के दौरन प्लांट में हादसा हो गया। जैजैपुर ब्लाक के ग्राम तुषार का रहने वाला युवक लुटेश्वर चन्द्रा डभरा के उच्चपिड़ा स्थित निर्माणाधीन आरकेएम पावर प्लांट में इंजिनियर का काम करता था, और आज सुबह पावर प्लांट के फिल्टर प्लांट के मशीन के पटटे में काम करते वक्त फंस जाने से इंजिनियर लुटेश्वर चन्द्रा हादसे का शिकार हो गया है और बुरी तरह से जख्मी हो गया जिसे इलाज के लिए रायगढ़ जिले के हास्पिटल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई, इस मामले में मृतक के परिजनों का आरोप है कि उन्हे प्लांट प्रबंधन के द्वारा हादसे की कोई जानकारी नहीं दी गई और ना ही यह हादसा कैसा हुआ है यह बताया जा रहा है प्लांट में काम करने वाले मजदूर साथियों ने घर में फोन पर हादसे कि जानकारी दी है जिससे परिजन रायगढ़ हास्पिटल पहुंचे हैं जहां उन्हे इंजिनियर लुटेश्वर चन्द्रा की मौत की जानकारी हुई। बहरहाल निर्माणाधीन संयंत्र में काम करने वाले कर्मचारियों की समुचित सुरक्षा इंतजाम देखने के लिए सरकार द्वारा औद्योगिक सुरक्षा के नाम पर अलग- से विभाग बनाया गया है। मगर अधिकांश मामलों में इस विभाग की कारगुजारियां केवल कागजी ही साबित हुई है। ऐसे में मजदूरों के साथ हो रहे हादसे पर न्याय की आस कब पूरी होगी, इस पर प्रशासन को विचार करना होगा।