• बीटिंग रिट्रीट में भारतीय धुनों ने श्रोताओं एवं दर्शकों का मन मोहा

    नई दिल्ली ! राष्ट्रीय राजधानी स्थित विजय चौक पर गुरुवार को बीटिंग र्रिटीट कार्यक्रम के साथ ही 66वें गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो गया। इस दौरान भारतीय धुनों ने श्रोताओं एवं दर्शकों का मन मोह लिया। इस बार पहली बार भारतीय धुनें जैसे 'वीर भारत', 'छन्ना बिलौरी', 'जय जन्मभूमि' तथा 'अतुल्य भारत', 'देशों का सरताज भारत' व 'कुट्टीज वेडिंग' सुनने को मिली। ...

    नई दिल्ली !  राष्ट्रीय राजधानी स्थित विजय चौक पर गुरुवार को बीटिंग र्रिटीट कार्यक्रम के साथ ही 66वें गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो गया। इस दौरान भारतीय धुनों ने श्रोताओं एवं दर्शकों का मन मोह लिया। इस बार पहली बार भारतीय धुनें जैसे 'वीर भारत', 'छन्ना बिलौरी', 'जय जन्मभूमि' तथा 'अतुल्य भारत', 'देशों का सरताज भारत' व 'कुट्टीज वेडिंग' सुनने को मिली। वहीं पारंपरिक 'कुट्टीज वेडिंग', 'पाइपर ओ ड्रमोंड', 'गोरखा ब्रिगेड', 'ओशियन स्पलेंडर', 'ब्लू फील्ड', 'बैटल ऑफ स्काई', 'आनंदलोक', 'डैशिंग देश', 'फ्लाइंग स्टार', 'ग्लोरियस इंडिया', 'भूपाल', 'इंडियन सोल्जर्स', 'हाथरोई', 'सलाम टू द सोल्जर्स गिरी राज', 'अबाइड विद मी' जैसी धुनों ने समां बांधा। अंत में 'सारे जहां से अच्छा' से कार्यक्रम का समापन हुआ। इस दौरान भारतीय संगीतकारों द्वार तैयार की गई 23 में से 20 धुनों को बजाया गया।घंटा भर चले समारोह में भारतीय थल सेना के 18 पाइप तथा ड्रम बैंड, जबकि भारतीय नौसेना तथा भारतीय वायु सेना के एक-एक बैंडों ने हिस्सा लिया। मेजर गिरीश कुमार यू बीटिंग रिट्रीट के मुख्य संचालक रहे, जबकि सुबेदार सुरेश कुमार भारतीय सेना ब्रास बैंड के संचालक रहे। सुबेदार मित्र देव ने पाइप्स तथा ड्रम्स का नेतृत्व किया, जबकि तुरही वादकों का नेतृत्व सुबेदार प्रभाकरण ने किया।भारतीय नौ सेना तथा भारतीय वायु सेना के बैंड की कमान मास्टर चीफ पेट्टी ऑफिसर (म्यूजिशियन -1) रमेश चंद ने संभाली।गौरतलब है कि 26 जनवरी से 29 जनवरी के बीच विभिन्न कार्यक्रमों के लिए सभी महत्वपूर्ण सरकारी भवनों को रोशनी से सजाया जाता है। यह सेना की बैरक वापसी का भी प्रतीक है। हर वर्ष 29 जनवरी की शाम को अर्थात गणतंत्र दिवस के तीसरे दिन बीटिंग द र्रिटीट आयोजित किया जाता है।

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