अगरतला/आईजॉल| त्रिपुरा और मिजोरम की सरकारें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अप्रैल से लागू करेंगी, जिसके लिए लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है। सरकारी अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। प्रधान सचिव (खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति) एस.के राकेश ने बताया, "त्रिपुरा में 9,60,000 राशन कार्ड में से 95 प्रतिशत डिजिटाइज हो गए हैं। बाकी बचा कंप्यूरीकरण और कॉल सेंटरों की स्थापना का कार्य अभी चल रहा है।" प्रधान सचिव के मुताबिक, बाकी बचे कार्य के पूरा हो जाने के बाद अप्रैल से त्रिपुरा में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) लागू हो जाएगा। बुनियादी ढांचे के निर्माण और पूरे टीपीडीएस के आवश्यक कंप्यूटरीकरण की लागत लगभग 11 करोड़ रुपये होगी, जिसमें से 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार उपलब्ध करा चुकी है। अब तक, मिजोरम में कुल 2,41,272 राशन कार्डो में से 89.30 प्रतिशत राशन कार्ड डिजिटाइज हो चुके हैं। मिजोरम सरकार के एक अधिकारी ने कहा, "राज्य में एनएफएसए के लागू हो जाने के बाद मिजोरम की 10 लाख में से सात लाख से अधिक आबादी टीपीडीएस के जरिए चावल का लाभ उठाने में सक्षम होगी।" केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम सिर्फ नौ राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में लागू हुआ है। ज्यादातर पूर्वोतर राज्यों में अभी पूरे लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का कंप्यूटरीकरण और कॉल सेंटरों की स्थापना किया जाना बाकी है। केंद्र सरकार ने अप्रैल तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एनएफएसए लागू करने का निर्देश दिया है। एनएफएसए के तहत राज्य सरकारों के जरिए प्रत्येक योग्य व्यक्ति को प्रतिमाह पांच रुपये प्रति किलो की दर से अनाज, तीन रुपये प्रति किलो की दर से चावल, दो रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं और एक रुपये प्रति किलो की दर से मोटा अनाज मिलेगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम पांच जुलाई, 2013 से प्रभावी है।