• 'धुंध, प्रदूषण के कारण बीजिंग रहने लायक नहीं'

    बीजिंग| चीन की राजधानी बीजिंग में प्रदूषण और धुंध का आलम यह है कि यहां रहने लायक स्थिति नहीं रह गई है। समाचार-पत्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, मेयर वांग अंशुन ने पिछले शुक्रवार को कहा, "उच्च श्रेणी, अंतर्राष्ट्रीय, जीने योग्य और सौहार्दपूर्ण शहर बनाने के लिए यह जरूरी है कि एक मानक तैयार किया जाए और बीजिंग फिलहाल यह कर रहा है।" ...

    बीजिंग| चीन की राजधानी बीजिंग में प्रदूषण और धुंध का आलम यह है कि यहां रहने लायक स्थिति नहीं रह गई है। समाचार-पत्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, मेयर वांग अंशुन ने पिछले शुक्रवार को कहा, "उच्च श्रेणी, अंतर्राष्ट्रीय, जीने योग्य और सौहार्दपूर्ण शहर बनाने के लिए यह जरूरी है कि एक मानक तैयार किया जाए और बीजिंग फिलहाल यह कर रहा है।" एक रिपोर्ट के मुताबिक, वांग ने कहा, "फिलहाल बीजिंग रहने लायक शहर नहीं है।" वांग की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब बाजार का विश्लेषण करने वाली कंपनी 'यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल' ने 2013 के अपने वैश्विक पर्यटन बाजार से संबंधित अध्ययन में बताया था कि बीजिंग में पर्यटन पिछले एक साल में 10 फीसदी घटा है, जिसकी वजह प्रदूषण और आर्थिक मंदी है। कंपनी ने शीर्ष 100 पर्यटन स्थलों की सूची मंगलवार को जारी की थी, जिसमें हांगकांग, सिंगापुर और बैंकॉक को शीर्ष तीन में रखा था, जबकि इसके बाद लंदन और पेरिस का स्थान था, वहीं बीजिंग को 34वां स्थान हासिल हुआ। बीजिंग के मेयर ने कहा कि प्रदूषण फैलने की वजह शहर में मौजूद कारखानों से निकलने वाला धुआं और वाहनों की संख्या में वृद्धि है। उन्होंने शहर में मौजूद कारखानों को पास के हेबेई और तियानजिन में स्थांतरित करने की जगह पूरी तरह बंद किए जाने की मांग की। साल 2014 में बीजिंग प्रशासन ने प्रदूषण फैलाने वाली 392 कंपनियों को बंद कर दिया था और 4,76,000 वाहनों को सड़कों से हटा दिया गया था। मेयर के अनुसार, प्रदूषण के अतिरिक्त बीजिंग की दूसरी बड़ी समस्या जनसंख्या है। उन्होंने बताया कि प्रवासी श्रमिकों की बढ़ती तादाद से शहर की आधारभूत संरचनाएं प्रभावित हो रही हैं। बीजिंग की जनसंख्या 2.15 करोड़ है और इसकी जनसंख्या में हर साल करीब 3,50,000 की वृद्धि होती है।

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