नहीं चाहिए 'नो ड्यूज सर्टिफिकेटमुंबई ! आम लोगों के लिए बैंकों से कर्ज लेने को आसान बनाते हुए रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ग्रामीण तथा अद्र्ध शहरी क्षेत्रों में 'नो ड्यूज सर्टिफिकेटÓ की जरूरत को समाप्त करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय बैंक ने आज यहां जारी एक अधिसूचना में कहा कि अब बैंक बिना 'नो ड्यूज सर्टिफिकेटÓ के कर्ज देंगे। उसने बताया कि उसके पास शिकायतें आ रही थीं कि लोगों को यह प्रमाणपत्र हासिल करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। विशेषकर ग्रामीण तथा अद्र्धशहरी इलाकों के लोगों को। इन शिकायतों के मद्देनजर उसने यह फैसला किया है। आरबीआई के अनुसार, ग्रामीण तथा अद्र्ध शहरी क्षेत्रों में किसी व्यक्ति, स्वयं सहायता समूह या ज्वाइंट लायबिलिटि समूह द्वारा लिए जाने वाले कर्ज के लिए 'नो ड्यूज सर्टिफिकेट की जरूरत समाप्त की गई है। अन्य आवेदकों के लिए नियम पूर्ववत हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा कि आज के तकनीकी युग में बैंकों द्वारा यह जांच करना बेहद आसान है कि किसी आवेदक पर कोई पुराना कर्ज बकाया है या नहीं। उसने व्यावसायिक बैंकों को इसके लिए अन्य दूसरे उपायों पर आधारित मापदंड बनाने को कहा है। उसने कहा है कि बैंक क्रेडिट सूचना कंपनियों के जरिए क्रेडिट हिस्ट्री की जांच, आवेदक द्वारा शपथपत्र के जरिए स्वघोषणा, सीईआरएसएआई पंजीकरण, दूसरे बैंकों के साथ जानकारी साझा करने आदि में से कोई एक या अधिक तरीके अपना सकते हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि सरकारी योजनाओं के तहत दिए जाने वाले ऋणों पर भी तब तक नो ड्यूज सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी जब तक योजना के नियमों के तहत विशेष रूप से इसका उल्लेख नहीं किया गया हो।