• सुरिंदर कोली की सजा आजीवन कारावास में बदला

    लखनऊ ! इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निठारी हत्याकांड में मृत्युदंड का सामना कर रहे सुरिंदर कोली की सजा आजीवन कारावास में बदल दी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.के.एस. बघेल की पीठ ने पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स की ओर से दायर एक याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया।...

    लखनऊ !   इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निठारी हत्याकांड में मृत्युदंड का सामना कर रहे सुरिंदर कोली की सजा आजीवन कारावास में बदल दी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.के.एस. बघेल की पीठ ने पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स की ओर से दायर एक याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया।उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह और सरकारी वकील अखिलेश सिंह ने कोली के मृत्युदंड को समाप्त करने से संबंधित याचिका का विरोध किया।कोली को रिम्पा हलदर की हत्या करने का दोषी ठहराया गया है। हलदर नोएडा में दिसंबर 2006 में लापता हो गई थीं।याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि कोली की दया याचिका पर निर्णय लेने में राष्ट्रपति ने काफी देरी की और इसलिए मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदला जाना चाहिए।उल्लेखनीय है कि नोएडा के निठारी गांव में 2005 में कई बच्चे लापता हो गए थे। उस वर्ष दिसंबर में पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंधेर के बंगले पर छापा मारा था और उसे तथा उसके घरेलू नौकर कोली को गिरफ्तार कर लिया था। कोली के बंगले के पिछवाड़े से और पास के नाले से कुछ हड्डियां बरामद हुई थीं।राज्य सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जुलाई 2014 में उसकी दया याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया और उसके बाद उसे फांसी पर चढ़ाने की न्यायिक प्रक्रिया शुरू हुई।लेकिन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कोली की फांसी को आजीवन कारावास में बदलने के लिए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की। उसके बाद न्यायालय ने कोली की फांसी पर रोक लगा दी थी।

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