• अमेरिका, भारत का सबसे अच्छा साझेदार बन सकता है

    नई दिल्ली ! स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक संबोधन की यादें ताजा करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को अपने संबोधन की शुरुआत 'भारत की बहनों एवं भाइयों' से की और कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि अमेरिका, भारत का सबसे अच्छा साझेदार बन सकता है और दोनों देश एकसाथ मिलकर अपनी-अपनी जनता के लिए कहीं अधिक समृद्धि ला सकते हैं। ...

    नई दिल्ली !  स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक संबोधन की यादें ताजा करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को अपने संबोधन की शुरुआत 'भारत की बहनों एवं भाइयों' से की और कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि अमेरिका, भारत का सबसे अच्छा साझेदार बन सकता है और दोनों देश एकसाथ मिलकर अपनी-अपनी जनता के लिए कहीं अधिक समृद्धि ला सकते हैं। रियाद के लिए उड़ान भरने से पहले ओबामा ने अपने भारत दौरे के आखिरी दिन सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में युवाओं, छात्रों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के सदस्यों तथा कूटनीतिज्ञों को संबोधित करते हुए कहा, "भारत और अमेरिकी सिर्फ स्वाभाविक साझेदार नहीं हैं, बल्कि मुझे विश्वास है कि अमेरिका, भारत का सबसे अच्छा साझेदार बन सकता है। मुझे इसका पूरा विश्वास है।"भारत में इस दौरे का ओबामा का यह आखिरी संबोधन सभागार में मौजूद लोगों के दिल को छू गया, खासकर ओबामा का संबोधन के बीच-बीच में हिंदी में 'नमस्ते' या 'धन्यवाद' कहना और जब उन्होंने एक मशहूर हिंदी फिल्म का डायलॉग बोला तो लोगों का उत्साह चरम पर था।मंगलवार को एक बार फिर भारत-अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों पर जोर देते हुए इसे '21वीं सदी की निर्णायक साझेदारी' करार दिया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदर्श स्वामी विवेकानंद के प्रति भी अपना सम्मान दर्शाया।ओबामा ने कहा कि वह 'पूरी तरह आश्वस्त हैं' कि दोनों लोकतांत्रिक देश एकसाथ खड़े होंगे तो वे अपने-अपने नागरिकों के लिए कहीं अधिक नौकरियां, अवसर और संपन्नता सृजित कर सकेंगे।उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के भविष्य को लेकर आशान्वित हैं और भारत का साझीदार होने पर उन्हें गर्व है।ओबामा ने अपने संबोधन में भारत और अमेरिका के साथ मिलकर जलवायु परिवर्तन, रक्षा सहयोग, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा साझेदारी की आवश्यकता का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने इसका भी उल्लेख किया कि अमेरिका किस प्रकार भारत के विकास में साझीदार हो सकता है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से यह अपील भी की कि संविधान में लिखित धार्मिक स्वतंत्रता को बरकरार रखा जाए।उन्होंने असैन्य परमाणु करार पर कहा कि यह भारत में हर घर में बिजली पहुंचाने में मददगार होगा और प्रदूषण रहित ऊर्जा को बढ़ावा देगा।ओबामा ने कहा कि अमेरिका, भारत में तेजी से आधारभूत संरचना विकसित करने, बंदरगाहों के निर्माण, बुलेट ट्रेन, स्मार्ट सिटी और प्रौद्योगिकी विकास में साझेदारी चाहता है।कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए गैर सरकारी संगठन 'प्रभा' की युवा प्रतिनिधि नेहा बुच ने ओबामा का परिचय आम लोगों के प्रति हमदर्दी रखने वाले व्यक्ति के रूप किया।ओबामा ने युवाओं को विशेष तौर पर संबोधित करते हुए अपने बेहद सामान्य रहे बचपन की यादें ताजा कीं और कहा कि कई मायनों में उनका जीवन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा ही रहा है।उन्होंने यह भी कहा कि वह रॉयाल एनफील्ड मोटरसाइकिल के करतबों से खासे प्रभावित हुए। उन्होंने इच्छा जताई कि काश वह भी मोटरसाइकिल की सवारी कर पाते। ओबामा ने कहा कि खुफिया एजेंसी उन्हें इसकी अनुमति नहीं देती। यहां तक कि वह पत्नी मिशेल के साथ नृत्य भी नहीं कर सकते।ओबामा ने अपने संबोधन में मानवाधिकार तथा घरों को बनाने में महिलाओं की भूमिका का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "हम सभी को एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए काम करना चाहिए, जहां सभी के लिए अवसर हों, सभी काम कर सकें, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं।"उन्होंने अपनी पत्नी मिशेल का जिक्र करते हुए कहा, "मेरी शादी एक बहुत ही मजबूत और प्रतिभावान महिला से हुई है। मिशेल मेरे सामने अपनी बात रखने से कभी नहीं डरतीं।" उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें दो बेटियों का पिता होने पर गर्व है। साथ ही उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि महिलाएं सड़कों पर सुरक्षित निकल सकें।अपने संबोधन के बाद ओबामा और मिशेल ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और कुछ अन्य गैर सरकारी संगठनों से मुलाकात की।

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