• मन की बात में हिस्सा लेने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने ओबामा

    नयी दिल्ली ! आकाशवाणी के जरिये देशवासियों से ..मन की बात.. कहने का कार्यक्रम शुरु करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इसमें अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को शामिल कर इसे एक नया और अनोखा रुप दे दिया। श्री ओबामा ने इस कार्यक्रम में शामिल होने को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व बताया। कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने कहा कि भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेने वाले अमेरिका के पहले राष्ट्रपति होने के साथ ही वह इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति भी बन गये हैं। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के साथ आकाशवाणी के जरिये भारतवासियों से बातें करना ऐतिहासिक और अभूतपूर्व हैं। ...

    नयी दिल्ली !  आकाशवाणी के जरिये देशवासियों से ..मन की बात.. कहने का कार्यक्रम शुरु करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इसमें अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को शामिल कर इसे एक नया और अनोखा रुप दे दिया।      श्री ओबामा ने इस कार्यक्रम में शामिल होने को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व बताया। कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने कहा कि भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेने वाले अमेरिका के पहले राष्ट्रपति होने के साथ ही वह इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति भी बन गये हैं। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के साथ आकाशवाणी के जरिये भारतवासियों से बातें करना ऐतिहासिक और अभूतपूर्व हैं।      श्री मोदी ने आज के .मन की बात. कार्यक्रम को विशेष बताया क्योंकि इसमेंपहली बार किसी विदेशी राजनेता ने अपने मन की बात उनके साथ रखी। प्रधानमंत्री ने आम जनता से सीधे बात करने के लिए पिछले साल तीन अक्टूबर को यह कार्यक्रम शुरू किया था। इस कार्यक्रम वह विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखते हैं और लोगों से मिले पत्रों में से कुछ का उल्लेख भी करते है।      श्री मोदी की पिछले वर्ष की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों नेताों ने एक अखबार में साथ लेख लिखा था जिसकी व्यापक रूप से चर्चा हुयी थी। इस कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी के सभी कें द्रों और उसके एफएम चैनलों. निजी एफएम चैनलों. दूरर्दशन के सभी चैनलों. सामुदायिक रेडियो और इंटरनेट पर किया गया।श्री ओबामा और श्री मोदी दोनों ने ही युवाों से कहा कि वे कुछ बनने का सपना देखने के बजाय कुछ करने का सपना देखें 1 उन्होंने अपनी अपनी पृष्ठभूमि का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने कभी यह नहीं सोचा था कि अपने जीवन में वह इस मुकाम पर पहुंचेंगे। दोनों ही नेताों ने कहा कि इसके लिए ईश्वर ने उन्हें असाधारण अवसर दिये हैं।     अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत और अमेरिका मोटापे. मधुमेह और इबोला तथा पोलियो जैसे संक्रामक रोगों से दुनिया भर में निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में स्वास्थ्य सुधार के क्षेत्र में ढांचागत सुविधाों को बढाये जाने की जरूरत है। श्री मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में भारत में उल्लेखनीय काम हो रहा है और हम दोनों ने मिलकर काम करने के बारे में बात की है।     सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढाओ मिशन के बारे में श्री मोदी ने कहा कि देश में लिंग अनुपात में लडकियों की संख्या कम होना चिंता का विषय है और इसे दूर करने के लिए हमें लडकियों के लालन पालन का नजरयिा बदलना होगा 1 बेटी के जन्म को गौरव से जोडना होगा क्योंकि बेटी बचाना . इन्हें पढाना और लिखाना हमारा सामाजिक . सांस्कृतिक और मानवीय र्कतव्य है जिसे हमें निभाना चाहिए। इस मिशन पर श्री ओबामा से मदद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा .. राष्ट्रपति ओबामा का जीवन ही अपने आप में एक प्रेरणा है और जिस प्रकार वह अपनी दो बेटियों का लालन पालन कर रहे हैं और उन पर गर्व करते हैं 1 ..       श्री ओबामा ने इस बात पर अफसोस जताया कि परीक्षा के कारण वह अपनी बेटियों को भारत नहीं ला सके लेकिन अगली बार मौका मिला तो वह अवश्य आना चाहेंगी 1 उन्होंने कहा कि वह बेटियों के लिए खरीददारी भी करेंगे।     अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रगाढ बनाने के लिए श्री मोदी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों देश लाखों भारतीय अमेरिकियों से जुडे हुए हैं जो आज भी भारत की परंपराों को बढा रहे हैं।     श्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों की प्राचीन और मजबूत विरासत है जब हम महात्मा गांधी की चर्चा करते हैं तो हमें मार्टिन लूथर और श्री ओबामा जैसी हस्तियों से उनके बारे में सम्मान की बातें सुनने को मिलती हैं। ये बातें विश्व को जोडती हैं।

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