• 3जी दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी 4 मार्च को

    नई दिल्ली ! दूरसंचार विभाग द्वारा यहां मंगलवार को जारी एक संशोधित नोटिस में कहा गया है कि 2जी और 3जी दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी 25 फरवरी से टाल कर चार फरवरी कर दी गई है। दूरसंचार विभाग द्वारा जारी इस नोटिस में नीलामी के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि पूर्व घोषित छह फरवरी से बढ़ाकर अब 16 फरवरी कर दी गई है।...

    नई दिल्ली !  दूरसंचार विभाग द्वारा यहां मंगलवार को जारी एक संशोधित नोटिस में कहा गया है कि 2जी और 3जी दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी 25 फरवरी से टाल कर 4 मार्च कर दी गई है। दूरसंचार विभाग द्वारा जारी इस नोटिस में नीलामी के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि पूर्व घोषित छह फरवरी से बढ़ाकर अब 16 फरवरी कर दी गई है।नीलामी के लिए रखे जाने वाले कुल स्पेक्ट्रम में 800 मेगाहट्र्ज बैंड में 103.75 मेगाहट्र्ज, 900 मेगाहट्र्ज बैंड में 177.8 मेगाहट्र्ज और 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में 99.2 मेगाहट्र्ज शामिल हैं। इसी तरह 800, 900 और 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में कुल 380.75 मेगाहट्र्ज। इसके अलावा 2100 मेगाहट्र्ज बैंड में पांच मेगाहट्र्ज को भी बिक्री के लिए रखा जाएगा, जिसका इस्तेमाल 22 दूरसंचार क्षेत्रों में से 17 क्षेत्रों में 3जी सेवाओं के लिए किया जाता है।केंद्रीय संचार मंत्रालय की ओर से पूर्व में कहा गया था कि पूरे भारत के लिए 800 मेगाहट्र्ज में प्रति मेगाहट्र्ज आरक्षित मूल्य 3,646 करोड़ रुपये मंजूर किया गया है, जबकि पूरे भारत के लिए 900 मेगाहट्र्ज के लिए 3,980 करोड़ रुपये है जिसमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, और जम्मू एवं कश्मीर शामिल नहीं हैं। इसके अलावा 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में पूरे भारत के लिए 2,191 करोड़ रुपये मूल्य तय किए गए हैं, जिसमें महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल शामिल नहीं हैं।लेकिन सरकार अभी 2100 मेगाहट्र्ज के लिए आरक्षित मूल्य तय नहीं कर पाई है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने 31 दिसंबर को 2100 मेगाहट्र्ज बैंड के लिए प्रति मेगाहट्र्ज 2,720 करोड़ रुपये आधार मूल्य की सिफारिश की थी। जबकि 2010 में 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में आधार मूल्य 3,500 करोड़ रुपये प्रति मेगाहट्र्ज था।दिसंबर 2015 में आइडिया सेलुलर और रिलायंस कम्युनिकेशंस के सात-सात लाइसेंस, भारती एयरटेल के चार लाइसेंस और वोडाफोन के छह लाइसेंसों का 20 वर्ष का कार्यकाल पूरा हो जाएगा और उसके बाद इनका नवीनीकरण किया जाएगा। इस नीलामी से 64,840 करोड़ रुपये (2100 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम को छोड़कर) राजस्व आने का अनुमान है, जिसमें से 16,000 करोड़ रुपये मौजूदा वित्त वर्ष (2014-15) में आने की संभावना है। सरकार द्वारा 2014-15 के बजट में स्पेक्ट्रम नीलामी से 45,417 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य तय किया गया है।

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