• सेनोरिटा, बड़े-बड़े देशों में..: ओबामा

    नई दिल्ली| अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने यहां मंगलवार को सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में अपने संबोधन में मशहूर बॉलीवुड फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' का एक यादगार संवाद बोलकर सबका दिल जीत लिया। ओबामा ने कहा कि वर्ष 2010 में भारत दौरे के दौरान उन्होंने भांगड़ा किया था। उन्होंने मुंबई में कुछ बच्चों के साथ थिरकने के वाकये को भी याद किया। उन्होंने कहा, "बदकिस्मती से इस दौरे पर हम कोई नृत्य कार्यक्रम रखने में सक्षम नहीं थे।" उसके बाद ओबामा ने बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान की अतिसफल फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' (1995) का डायलॉग बोल सबको चौंका दिया। ...

    नई दिल्ली| अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने यहां मंगलवार को सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में अपने संबोधन में मशहूर बॉलीवुड फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' का एक यादगार संवाद बोलकर सबका दिल जीत लिया। ओबामा ने कहा कि वर्ष 2010 में भारत दौरे के दौरान उन्होंने भांगड़ा किया था। उन्होंने मुंबई में कुछ बच्चों के साथ थिरकने के वाकये को भी याद किया। उन्होंने कहा, "बदकिस्मती से इस दौरे पर हम कोई नृत्य कार्यक्रम रखने में सक्षम नहीं थे।" उसके बाद ओबामा ने बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान की अतिसफल फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' (1995) का डायलॉग बोल सबको चौंका दिया। ओबामा ने लोगों से खचाखच भरे ऑडिटोरियम को संबोधित करते हुए कहा, "सेनोरिटा, बड़े बड़े देशों..आप मेरे कहने का मतलब जानते हैं। " ओबामा के यह कहते ही ऑडिटोरियम ठहाकों से गूंज उठा। यह ठहाका करीब 12 सेकेंड तक गूंजता रहा, इस दौरान ओबामा चुपचाप खड़े होकर मुस्कुरा रहे थे। दर्शकों में बड़ी संख्या में युवा, छात्र-छात्राएं, गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) व राजनयिक शामिल थे।इस दौरान ओबामा के साथ उनकी पत्नी मिशेल मौजूद थीं, जिन्हें उन्होंने दमदार व प्रतिभाशाली महिला बताया।अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने भारत दौरे के आखिरी दिन मंगलवार को एक बार फिर भारत-अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों पर जोर देते हुए इसे '21वीं सदी की निर्णायक साझेदारी' करार दिया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदर्श स्वामी विवेकानंद के प्रति भी अपना सम्मान दर्शाया। सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में युवाओं, छात्रों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के सदस्यों तथा कूटनीतिज्ञों को संबोधित करते हुए ओबामा ने कहा, "मैं समझता हूं कि भारत और अमेरिका के संबंध इस सदी की निर्णायक साझेदारी बन सकते हैं।" उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के भविष्य को लेकर आशान्वित हैं और भारत का साझीदार होने पर उन्हें गर्व है। ओबामा ने यहां मौजूद युवाओं से व्यक्तिगत तौर पर संवाद किया। उन्होंने यह भी कहा कि वह रॉयाल एनफिल्ड मोटरसाइकिल के करतबों से खासे प्रभावित हुए। उन्होंने इच्छा जताई कि काश वह भी मोटरसाइकिल की सवारी कर पाते। ओबामा ने कहा कि खुफिया एजेंसी उन्हें इसकी अनुमति नहीं देती। यहां तक कि वह पत्नी मिशेल के साथ नृत्य भी नहीं कर सकते। ओबामा ने अपने संबोधन में भारत और अमेरिका के साथ मिलकर जलवायु परिवर्तन, रक्षा सहयोग, एशिया-प्रशांत क्षवेत्र में सुरक्षा साझेदारी की आवश्यकता का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने इसका भी उल्लेख किया कि अमेरिका किस प्रकार भारत के विकास में साझीदार हो सकता है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से यह अपील भी की कि संविधान में लिखित धार्मिक स्वतंत्रता को बरकरार रखा जाए। न्होंने स्वामी विवेकानंद और अमेरिकी शहर शिकागो में उनके भाषण को भी याद किया, जिसकी शुरुआत उन्होंने 'अमेरिका की बहनों एवं भाइयों' से की थी। ओबामा ने कहा कि वह भी इसी तरह लोगों को संबोधित करने जा रहे हैं। इसके बाद उन्होंने कहा, 'भारत की बहनों एवं भाइयों'। इसे उन्होंने अपने संबोधन में दोहराया। ओबामा ने अपने संबोधन में मानवाधिकार तथा घरों को बनाने में महिलाओं की भूमिका का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "हम सभी को एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए काम करना चाहिए, जहां सभी के लिए अवसर हों, सभी काम कर सकें, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं।" उन्होंने अपनी पत्नी मिशेल का जिक्र करते हुए कहा, "मेरी शादी एक बहुत ही मजबूत और प्रतिभावान महिला से हुई है। मिशेल मेरे सामने अपनी बात रखने से कभी नहीं डरतीं।" उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें दो बेटियों का पिता होने पर गर्व है। साथ ही उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि महिलाएं सड़कों पर सुरक्षित निकल सकें।

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