• कृषि आय बढाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध: राधामोहन सिंह

    नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कृषि आय घटने पर चिंता व्यक्त करते हुए आज कहा कि किसानों और संबंधित संस्थानों को मूल्य संवरत उत्पादों पर जोर देना चाहिए। उन्होंने यहां राष्ट्रीय मसाला विकास एवं निर्यात सम्मेलन का उदघाटन करते हुए कहा कि किसानों की घटती आमदनी, बेहद चिंता का विषय है और सरकार उनकी आय बढाने के लिए प्रतिबद्ध है। ...

    नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कृषि आय घटने पर चिंता व्यक्त करते हुए आज कहा कि किसानों और संबंधित संस्थानों को मूल्य संवरत उत्पादों पर जोर देना चाहिए। उन्होंने यहां राष्ट्रीय मसाला विकास एवं निर्यात सम्मेलन का उदघाटन करते हुए कहा कि किसानों की घटती आमदनी, बेहद चिंता का विषय है और सरकार उनकी आय बढाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार लगातार ऐसे उपाय कर रही है जिससे किसानों की आय के अन्य साधन विकसित हो और आय में इजाफा हो। किसानों की आय बढाने के सरकार के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि देश की कुल कृषि भूमि में से एक तिहाई पर परंपरागत फसलें और दो तिहाई पर नकदी फसलें उगाई जानी चाहिए। उन्होंने आय बढाने के हरसंभव उपाय करने का भरोसा देते हुए कहा, सरकार का इरादा हिन्दुस्तान के किसानों की जेब में ज्यादा से ज्यादा पैसा भरने का है। केंद्रीय मंत्री ने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि देश में 14.5 करोड किसान है लेकिन एक करोड से भी कम किसानों को अपनी जमीन के स्वास्थ्य की जानकारी है। ये किसान कृषि की आधुनिक तकनीक से परिचित नहीं है जिससे वे अपनी जमीन का बेतहर इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैै। सरकार की कृषि विकास संबंधी योजनाों का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि सरकार ने 568 करोड रूपए की लागत से मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन की एक योजना तैयार की है जिसके तहत अगले तीन साल में प्रत्येक किसान को उसकी जमीन के स्वास्थ्य संबंधी कार्ड उपलबध करा दिया जाएगा। किसानों की आय बढाने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों और संबंधित संस्थानों को मूल्य संवर्धित उत्पादों पर जोर देना चाहिए। दुनिया में कृषि उत्पादों की गिरती कीमतों और बढती प्रतिस्पर्धा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के परंपरागत निर्यात उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार मे कडी चुनौती मिल रही है। उन्होंने कहा कि बाजार में जगह बनाए रखने के लिए किसानों और संबंधित संस्थानों को गुणवत्ता और भारतीय उत्पादों की ब्रांडिंग पर जोर देना होगा। राज्य सरकार, केंद्र सरकार, कंपनियों और किसानों को बेहतर समंवय स्थापित करना चाहिए जिससे बाजार की मांग को पूरा किया जा सके। इससे आदमनी बढेगी और किसानों को लाभ होगा। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का सामना करने के उपायों का जिक्र करते हुए श्री सिंह ने कहा कि छोटे देश भारतीय कृषि उत्पादों को कडी चुनौती दे रहे है और इसका मुकाबले करने के लिए गुणवत्ता पर जोर देना होगा। यूरोप और अमेरिका भारतीय मसालों के परंपरागत बाजार है लेकिन इनके गुणवत्ता मानक बदल रहे हैं और जैविक कृषि उत्पादों पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय मिर्च को चीन से, दालचीनी को श्रीलंका से और कई मसालों को वियतनाम और म्यांमार से चुनौती मिल रही है। सिंह ने बताया कि राज्य सरकारों के साथ मिलकर कृषि उत्पादों के विपणन नीति तैयार की जा रही है और इसकी लगातार बैठकें चल रही है।

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