• चेन्नई सुपरकिंग्स में हिस्सेदारी छोड़ सकते हैं श्रीनिवासन

    नयी दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष पद से निलंबित चल रहे एन. श्रीनिवासन खुद को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम चेन्नई सुपरकिंग्स से अलग कर दोबारा बीसीसीआई के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं। उच्चतम न्यायालय ने आईपीएल-6 में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्िसिंग मामले में गुरूवार को सुनाये अपने फैसले में श्रीनिवासन को क्लीनचिट तो दे दी थी।...

    नयी दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष पद से निलंबित चल रहे एन. श्रीनिवासन खुद को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम चेन्नई सुपरकिंग्स से अलग कर दोबारा बीसीसीआई के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं। उच्चतम न्यायालय ने आईपीएल-6 में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्िसिंग मामले में गुरूवार को सुनाये अपने फैसले में श्रीनिवासन को क्लीनचिट तो दे दी थी। लेकिन उन्हें आइपीएल या बीसीसीआई में से किसी एक को चुनने के निर्देश दिये थे। इसके अलावा न्यायालय ने आगामी छह सप्ताह में अध्यक्ष पद का चुनाव कराने के लिये भी कहा था। मीडिया में चल रही रिपोर्टो के मुताबिक, श्रीनिवासन दोबारा से बीसीसीआई के अध्यक्ष पद का चुनाव लडने के बारे में विचार कर रहे हैं। हालांकि इसके लिये उन्हें आईपीएल में किसी भी तरह से अपनी हिस्सेदारी नहीं रखनी होगी। श्रीनिवासन की कंपनी इंडिया सीमेंट्स ही चेन्नई सुपरकिंग्स की मालिक कंपनी है। रिपोटोर्ं के मुताबिक. पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष ने चेन्नई सुपरकिंग्स को इंडिया सीमेंट्स से अलग करने की योजना बना ली है और इस दिशा में काम करना भी शुरू कर दिया है। वह चाहते हैं कि इंडिया सीमेंट को चेन्नई सुपरकिंग्स से बिलकुल अलग कर लिया जाये ताकि न्यायालय के आदेश के अनुसाउच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि कोई भी व्यकि् त जो बीसीसीआई का सदस्य हो या बोर्ड के सदस्य समिति के रूप में काम कर रहा हो। वह आईपीएल के किसी भी मैच में फ्रैंचाइजी सदस्य या किसी भी आईपीएल मैच में निवेशक नहीं बन सकता है। र्सवोच्च अदालत ने श्रीनिवासन के दामाद गुरूनाथ मयप्पन तथा राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक राज कुंद्रा को सट्टेबाजी में शामिल होने का दोषी करार दिया और दोंषियों तथा उनकी टीमों राजस्थान रायल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आर.एम लोढ़ा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति गठित की थी। जस्टिस लोढा के नेतृत्व में बनायी गयी यह तीन सदस्यीय समिति सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग के दोषी पाये मेयप्पन और कुं द्रा तथा उनकी आईपीएल टीमों के खिलाफ जांच करनें के बाद अगले छह महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। वह बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर दोबारा काबिज हो सकें।

अपनी राय दें