• 'मैंने की रिश्वतखोरी रोकने में आयोग की मदद'

    नई दिल्ली ! आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग के नोटिस पर अपने जवाब में कहा है कि उन्होंने मतदाताओं को रिश्वत लेने के लिए कभी भी प्रोत्साहित नहीं किया बल्कि अपनी अपील से इसके खिलाफ काम किया है। चुनाव आयोग ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शिकायत पर केजरीवाल को लोगों को रिश्वत लेने के लिए उकसाने के आरोप में नोटिस जारी किया था। ...

    नोटिस पर केजरीवाल की सफाई मतदाताओं को नहींकिया पैसा लेने के लिए प्रोत्साहित  मीडिया पर भी बरसे केजरीवाल मेरा इरादा घूसखोरी को समाप्त करना थानई दिल्ली !   आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग के नोटिस पर अपने जवाब में कहा है कि उन्होंने मतदाताओं को रिश्वत लेने के लिए कभी भी प्रोत्साहित नहीं किया बल्कि अपनी अपील से इसके खिलाफ काम किया है। चुनाव आयोग ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शिकायत पर केजरीवाल को लोगों को रिश्वत लेने के लिए उकसाने के आरोप में नोटिस जारी किया था। केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा कि उनके बयान का मतलब यह था कि जो पार्टियां चुनाव में पैसा दें उससे पैसा ले लो, लेकिन उन्हें वोट बिल्कुल मत दो। इस तरह उन्होंने रिश्वतखोरी रोकने का काम किया है और ऐसा करके एक तरह से आयोग की ही मदद कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि देश के कई नेता और पार्टियां पैसा और अन्य सामान बांटकर वोट खरीदते हैं। चुनाव आयोग, सरकार और कई गैर सरकारी संगठनों के निरंतर प्रयासों के बावजूद यह अभिशाप देश की राजनीति का अभिन्न अंग बन चुका है। उन्होंने राजनीति की इस कुरीति को रोकने के लिए ही यह तरीका अपनाया है। उन्होंने कहा कि वह पिछले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के दौरान भी अपने भाषणों में इस तरह की बात कहते रहे हैं, लेकिन उस समय किसी भी दल ने कुछ नहीं कहा। इन चुनावों में दिल्ली की जनता इस बात पर अमल करने लगी है कि जो उसे पैसा देगा उससे पैसा तो ले लेगी लेकिन वोट कतई नहीं देगी और इसके कारण भाजपा तथा कांग्रेस घबरा गई हैं और उन्हें पता चल गया है कि पैसे देकर वोट नहीं खरीदे जा सकते। 

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