• भारत युद्ध के लिए रहे तैयार,परमाणु युद्ध की आशंका

    नई दिल्ली ! दक्षिण एशिया की बदली हुई सामरिक पस्थितियों में भारत के सामने एक साथ कई तरह की चुनौतियां हो गई हैं। एक ओर जहां पड़ोसी देश पाकिस्तान सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन कर भारतीय चौकियों व नागरिकों को निशाना बनाते हुए आतंकियों को भारतीय सीमा में प्रवेश कराने की जद्दोहद कर रहा है वहीं दूसरा पड़ोसी चीन रह- रहकर सीमा में घुसपैठ कर चुनौती दे रहा है। ...

    चीन कर रहा पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति  चीन अन्य पड़ोसी देशों को भी दे रहा हथियार  भारत को दोनों देशों से सावधान रहने की जरूरत  नई दिल्ली !   दक्षिण एशिया की बदली हुई सामरिक पस्थितियों में भारत के सामने एक साथ कई तरह की चुनौतियां हो गई हैं। एक ओर जहां पड़ोसी देश पाकिस्तान सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन कर भारतीय चौकियों व नागरिकों को निशाना बनाते हुए आतंकियों को भारतीय सीमा में प्रवेश कराने की जद्दोहद कर रहा है वहीं दूसरा पड़ोसी चीन रह- रहकर सीमा में घुसपैठ कर चुनौती दे रहा है। इससे संबंधित चिंता भी व्यक्त की जा रही है। इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के प्रमुख एयर मार्शल पीपी रेड्डी ने आज कहा कि चीन और पाकिस्तान का नाम लेते हुए कहा कि भारत को अपने दोनों मार्चों पर युद्ध लडऩे के लिए तैयार रहना चाहिए। एयर मार्शल ने यह भी कहा कि उपमहाद्वीप में परमाणु युद्ध की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता। रेड्डी ने कहा कि चीन पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति कर रहा है। रेड्डी ने कहा कि हमारे दोनों पड़ोसी देश परमाणु हथियारों से लैस हैं। आने वाले दिनों में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि हो सकती है। भारत को दोनों मार्चों पर सावधान रहने के साथ ही किसी भी तरह के युद्ध के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि चीन हमारे सभी पड़ोसी देशों को हथियारों का निर्यात, उन्हें कर्ज और उनके यहां बंदरगाहों का निर्माण कर रहा है। गौरतलब है कि एयर मार्शल का यह बयान ऐसे समय आया है जब नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान पिछले कई दिनों से लगातार भारी गोलीबारी कर रहा है। इस बीच, अमरीका ने आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए पाकिस्तान को आर्थिक मदद की मंजूरी दे दी है। अमरीकी रक्षा मंत्री जॉन केरी ने पाकिस्तान को सर्टिफिकेट दिया है कि उसने आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ उचित कार्रवाई की है और यह कार्रवाई उसे आर्थिक मदद पाने के योग्य बनाती है। इस बयान के बाद देश के सामने मौजूद संकट को स्पष्टï रूप से समझा जा सकता है। रक्षा विशेषज्ञ भी रेड्डी की इस  बात से सहमत नजर आते हैं।

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