• रेलवे में पारदर्शिता लाएंगे पूर्व कैग

    नई दिल्ली ! पूर्व नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक विनोद राय रेलवे को वित्तीय निर्णय लेने की प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के गुर सिखाएंगे। श्री राय ने आज सुबह रेल मंत्री सुरेश प्रभु से रेल मंत्रालय में मुलाकात की। रेल मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार श्री प्रभु रेलवे बोर्ड एवं जोनल मुख्यालयों के वित्तीय कामकाज के तौर तरीकों में बदलाव लाने को लेकर कटिबद्ध है। उन्होंने श्री राय से अपेक्षा जाहिर की है कि वे निविदाएं जारी करने और उन पर फैसले की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के संबंध में सिफारिशें दें। सूत्रों के अनुसार श्री राय की नियुक्तिके औपचारिक आदेश जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र ...

    विनोद राय ने की रेल मंत्री से मुलाकातपूर्व कैग विनोद राय निविदाएं जारी करने और उन पर फैसले की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के संबंध में सिफारिशें दें। नई दिल्ली !    पूर्व नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक विनोद राय रेलवे को वित्तीय निर्णय लेने की प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के गुर सिखाएंगे। श्री राय ने आज सुबह रेल मंत्री सुरेश प्रभु से रेल मंत्रालय में मुलाकात की। रेल मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार श्री प्रभु रेलवे बोर्ड  एवं जोनल मुख्यालयों के वित्तीय कामकाज के तौर तरीकों में बदलाव लाने को लेकर कटिबद्ध है। उन्होंने श्री राय से अपेक्षा जाहिर की है कि वे निविदाएं जारी करने और उन पर फैसले की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के संबंध में सिफारिशें दें। सूत्रों के अनुसार श्री राय की नियुक्तिके औपचारिक आदेश जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे।      प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकताओं मे रेलवे का कायाकल्प शीर्ष पर है। रेल मंत्रालय और रेलवे बोर्ड के प्रशासनिक ढांचे में सुधार एवं आर्थिक संसाधन जुटाने के वास्ते प्रख्यात अर्थशास्त्री डा. बिबेक देबराय की समिति बनाई गई है। रेल मंत्री के रूप में पदभार संभालने के बाद श्री प्रभु ने निविदाओं के फैसले महाप्रबंधक के स्तर पर जोन में लिए जाने के  निर्देश दिए थे। इस संबंध में मेट्रो मैन ई-श्रीधरन की समिति गठित कर निविदाों पर निर्णय प्रक्रिया को लेकर सिफारिशें मंगाई हैं। इसके अलावा वित्तीय संसाधनों को जुटाने के उपायों पर पूर्व वित्तीय सेवा सचिव डी. के. मित्तल की अगुवाई वाली समिति भी कल रिपोर्ट देने वाली है।   रेल मंत्री रेलवे की आर्थिक स्थिति पर एक श्वेतपत्र तैयार कर रही  है जिसे रेल बजट के साथ संसद में पेश किया जाएगा और उसी के आधार पर रेल बजट में तीन से पांच साल की वृहद परियोजना लायी जाएगी। रेल मंत्री का कहना है कि रेलवे की खस्ताहालत उसके दो दशकों के लापरवाहीपूर्ण कामकाज का दुष्परिणाम है। उन्होंने कहा कि रेलवे की हालत सुधारने के लिए कुछ कठोर कदम उठाने होगें लेकिन इसमें सुधार दिखने में कुछ समय अवश्य लगेगा।    रेल विवि के लिए स्थल का चयन अब तक नहींरेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया कि प्रस्तावित विश्वविद्यालय के लिए अभी तक स्थल का चयन नहीं हुआ है। इस विश्वविद्यालय के लिए धन के स्रोतों, विद्यार्थियों के चयन, प्रशासनिक और शैक्षणिक ढांचों के बारे में कोई नीतिगत फैसला भी नहीं लिया गया है।रेलवे की योजना में सीमा वाले इलाके शामिल नहीं   रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने पहले चरण में भारत-चीन सीमा पर चार रेलवे लाइनों को चिन्हित किया है। इनमें 378 किलोमीटर लंबी मिसामारी-टेंगा-तवांग रेलखंड, 498 किलोमीटर लंबी बिलासपुर-मनाली-लेह रेलखंड शामिल हैं।   उन्होंने कहा रेल मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय से अंतिम लोकेशन र्सवेक्षण की अनुमति दिये जाने का आग्रह किया है। हालांकि उन्होंने इस बारे में कुछ कहने से इन्कार कर दिया कि पहले चरण का निर्माण कार्य कब तक समाप्त हो सकेगा। 

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