• मुंबई हमला टाला जा सकता था

    न्यूयार्क ! मुंबई हमले को लेकर एक रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि कि हाईटेक निगरानी और दिगर संपर्क सूत्रों के जरिये मिली सूचनाों पर भारत. ब्रिटेन और अमेरिका की खुफिया एजेंसिया गौर करती तो इस हमले को टाला जा सकता था। नवम्बर 2008 में मुंबई हमले में छह अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गये थे। ...

    न्यूयार्क !  मुंबई हमले को लेकर एक रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि कि हाईटेक निगरानी और दिगर संपर्क सूत्रों के जरिये मिली सूचनाों पर भारत. ब्रिटेन और अमेरिका की खुफिया एजेंसिया गौर करती तो इस हमले को टाला जा सकता था। नवम्बर 2008 में मुंबई हमले में छह अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गये थे।     न्यूयार्क टाइम्स में भारतीय और अमेरिकी अधिकारियों तथा अमेरिका के पूर्व जासूस एडवर्ड जे स्नोडेन के दस्तावेजों के हवाले से प्रकाशित इस रिपोर्ट में इन तथ्यों का खुलासा हुआ है।      रिपोर्ट के मुताबिक लश्करे तैयबा से जुडा कम्पयूटर विशेषज्ञ 30 वर्षीय जरर शाह ने मुंबई में हमले के लिये निर्धारित स्थान के बारे में आतंकवादियों को गूगल अर्थ के जरिये जानकारी दी थी।उसने न्यूर्जसी से फोन पर संपर्क स्थापित करने के लिये इंटरनेट फ ोन सिस्टम का उपयोग किया था।     रिपोर्ट के मुताबिक शाह ने एक यहूदी छात्रावास . दो लक्जरी होटलों और हमलों के लिये संभावित सभी स्थलों के बारे में ॉनलाइन पता लगाया था।रिपोर्ट में बताया गया कि आतंकवादी अपने इंटरनेट खातों को सक्रिय रखने के लिये भारत में वििभन्न स्थानों पर फोन किया करते थे।दूसरी तरफ. भारत के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन का इस रिपोर्ट के संर्दभ में कहना है कि अमेरिकियों.ब्रतिानियों और भारतीयों की तरफ से घटना के संर्दभ में कहीं से भी पूरी तस्वीर सामने नहीं आई है।

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