• दिल्ली के चुनाव की कमान संभालेंगे अमित शाह

    नई दिल्ली ! भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई में आंतरिक कलह और नेताओं में सामंजस्य की कमी के कारण दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनाव की कमान स्वयं अमित शाह संभालेंगे। एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि वह 25 दिसंबर से दिल्ली भाजपा की कमान अपने हाथों में ले लेंगे। ...

    आंतरिक कलह और नेताओं में सामंजस्य की कमीनई दिल्ली !   भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई में आंतरिक कलह और नेताओं में सामंजस्य की कमी के कारण दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनाव की कमान स्वयं अमित शाह संभालेंगे। एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि वह 25 दिसंबर से दिल्ली भाजपा की कमान अपने हाथों में ले लेंगे। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, फिलहाल शाह झारखंड और जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा चुनावों पर ध्यान दे रहे हैं, लेकिन मंगलवार को चुनाव के नतीजों के बाद उनका पूरा ध्यान दिल्ली पर रहेगा। वह राजधानी में चुनाव के पहले कम से कम दो महीने देंगे। दिल्ली में अगले साल फरवरी में चुनाव होने की संभावना है। सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "दिल्ली भाजपा को केवल एक अधिकारी से दिशा निर्देश की जरूरत है। मौजूदा समय में हर कोई इस तरह का बर्ताव कर रहा है जैसे वही जहाज का कप्तान हो। इसका परिणाम यह हो रहा है कि सभी पूरी तरह से भ्रमित हैं।"सूत्र ने बताया कि आम आदमी पार्टी (आप) से खतरे को देखते हुए शाह ने दिल्ली की राजनीतिक घटनाक्रम पर पार्टी का अध्यक्ष बनने के साथ ही नजर रखना शुरू कर दिया था। गौरतलब है कि दिल्ली में भाजपा 15 सालों से सत्ता से बाहर है। दिसंबर 2013 के चुनावों में 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में भाजपा ने 31 सीटें, आप ने 28 सीटें और कांग्रेस ने आठ सीटों पर कब्जा किया था, जबकि तीन सीटें अन्य के खाते में गई थीं। दिसंबर के चुनाव के बाद आप ने कांग्रेस के समर्थन से 49 दिनों की सरकार बनाई थी। सूत्र ने यह भी कहा, "वह (शाह) जानते हैं कि दिल्ली अन्य राज्यों की तरह नहीं है जहां पर लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच है। सामान्य कांग्रेस विरोधी मानसिकता देश भर में प्रचलित हुई और इससे भाजपा को काफी मदद मिली, लेकिन दिल्ली में आप से भाजपा का मुकाबला है जो कि मुख्य प्रतिद्वंद्वी है।"पार्टी नेता ने कहा, "इसीलिए पार्टी को दिल्ली में अधिक प्रयास करने की जरूरत है। लेकिन शाह को पता है कि पार्टी आंतरिक कलह और सामंजस्य की कमी से जूझ रही है।"इसके अलावा शाह और दिल्ली भाजपा के नेताओं और पदाधिकारियों के बीच नवंबर में एक बैठक हुई थी। इस बैठक में निर्णय लिया गया था कि पूरी दिल्ली में पार्टी के सांसद 2,700 जनसभाएं आयोजित करेंगे। सूत्रों ने बताया हालांकि एक महीने बाद यह संख्या घटाकर 1,400 कर दी गई।

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