नई दिल्ली | दिल्ली के एक फार्स्ट-ट्रैक न्यायालय में 24 साल पुराने दुष्कर्म मामले के फरार अभियुक्त की गिरफ्तारी के बाद मामले की सुनवाई दोबारा शुरू की गई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरिता बीरबल ने मामले के आरोपी लखपत की गिरफ्तारी के बाद सुनवाई दोबारा शुरू करने का आदेश दिया। अब तक गिरफ्तारी से बचते आ रहे आरोपी को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया।न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई छह जनवरी 2015 को तय की है, ताकि अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज किए जा सकें।अभियोजन पक्ष का आरोप है कि छह जुलाई 1990 को पूर्वी दिल्ली से आरोपी लखपत 12 साल की बच्ची को अगवा कर बुलंदशहर (उत्तरप्रदेश) के एक गांव में ले गया था और उसके साथ दुष्कर्म किया था।अभियोजन पक्ष का कहना है कि घटना के समय आरोपी की उम्र 24 साल के आसपास थी और वह पीड़िता के यहां किरायेदार के रूप में रहता था।पुलिस ने बाद में पीड़िता को ढूंढ़ निकाला था और आरोपी लखपत को गिरफ्तार कर पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा पुलिस थाने में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।आरोपी हालांकि 21 दिसंबर 1994 को जमानत पर रिहा हो गया था।लखपत के खिलाफ 1995 में यहां एक सत्र न्यायालय द्वारा दुष्कर्म और अपहरण के आरोप तय किए जाने के बाद मुकदमा शुरू हुआ था और वह कुछ समय तक सुनवाई के दौरान न्यायालय में हाजिर भी हुआ था, लेकिन बाद में फरार हो गया। न्यायालय ने उस समय से आरोपी लखपत के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया हुआ था।न्यायालय ने फरार आरोपी को घोषित अपराधी करार देते हुए मुकदमे की सुनवाई वहीं रोक दी थी और कहा था कि लखपत की गैरमौजूदगी में सुनवाई जारी नहीं जा सकती।बीते 28 अक्टूबर को पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर लखपत को दक्षिणी दिल्ली के आर.के. पुरम से गिरफ्तार किया और मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।मजिस्ट्रेट ने यह मामला फास्ट-ट्रैक न्यायालय के हवाले कर दिया। फास्ट-ट्रैक न्यायालय ने 25 नवंबर को मुकदमा दोबारा शुरू करने का आदेश दिया और अगली सुनवाई छह जनवरी 2015 को तय की।आरोपी इस समय 48 साल का है, जबकि पीड़िता की उम्र 36 साल है।एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "आरोपी लखपत सजा से बचने के लिए पुलिस से भागता रहा और मुकदमे को टाले रखा।"पुलिस अधिकारी ने कहा, "आरोपी सुनवाई से भागता रहा और कानून का मजाक बनाता रहा। पुलिस ने आखिरकार गुप्त सूचना के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया और वापस उसे कटघरे में ला खड़ा किया।"