• 'रंगों के लिए वायु सेना ने उड़ाए साढ़े चार करोड़'

    नई दिल्ली । स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर अपने विमानों से तिरंगे के रूप में तीन रंग के धुंए उड़ाने के लिए वायु सेना ने लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए की रंगीन डाई खरीदी जो अब बेकार पड़ी है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कहा गया है कि वायु सेना ने अपनी एयरोबेटिक टीम के सूर्य किरण विमानों द्वारा छोड़े जाने वाले इन रंगीन धुंओं की बिना सोचे समझे विदेश से तीन वर्ष के लिए एकमुश्त खरीदारी की।...

    कैंग ने अपनी रिपोर्ट में किया खुलासाविमानों से तिरंगे के रूप में तीन रंग के धुएं उड़ाने के लिए वायु सेना ने लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए की रंगीन डाई खरीदी जो अब बेकार पड़ी है नई दिल्ली । स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर अपने विमानों से तिरंगे के रूप में तीन रंग के धुंए उड़ाने के लिए वायु सेना ने लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए की रंगीन डाई खरीदी जो अब बेकार पड़ी है।   नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कहा गया है कि वायु सेना ने अपनी एयरोबेटिक टीम के सूर्य किरण विमानों द्वारा छोड़े जाने वाले इन रंगीन धुंओं की बिना सोचे समझे विदेश से तीन वर्ष के लिए एकमुश्त खरीदारी की। रिपोर्ट के अनुसार खरीददारी करते समय यह नहीं सोचा गया कि इन धुओं की अवधि सीमित होती है और एक समय के बाद इन्हें इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि इस पहलू की ओर ध्यान दिया जाता तो चाढ़े चार करोड़ रुपए का नुकसान बचाया जा सकता था। वायु सेना ने एक अमरीकी कंपनी से 30 हजार लीटर रंगीन डाई खरीदी थी लेकिन  उसने केवल 7 हजार लीटर डाई का ही उपयोग किया और 23 हजार लीटर डाई बच गई। इस बीच वायु सेना ने प्रशिक्षु विमान की जरूरत पूरा करने के लिए सूर्य किरण टीम को बंद कर दिया। वायु सेना ने इस डाई के इस्तेमाल के लिए नौसेना और थल सेना से संर्कप किया लेकिन इस बीच डाई एक्सपायर हो गई।    रिपोर्ट में कहा गया है कि खरीद योजना के अनुसार वायु सेना को हर साल 26 बार इस डाई का इस्तेमाल करना था लेकिन सूर्य किरण टीम को समाप्त किए जाने से पहले निर्धारित 47 बार की तुलना में इस डाई का केवल 18 बार ही इस्तेमाल किया जा सका।

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