• राज्यसभा में कोयला ब्लॉक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक लंबित

    नई दिल्ली ! राज्यसभा में एक तरफ हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा, तो दूसरी तरफ कोयला ब्लॉक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक लंबित पड़े हैं, जिन्हें दो दिनों की शेष कार्यवाही के दौरान पारित कराने हैं। कोयला खदान (विशेष प्रावधान) विधेयक, 2014 उन 200 कोयला ब्लॉकों की नीलामी को सुनिश्चित करेगा, जिनके आवंटन को सर्वोच्च न्यायालय गैरकानूनी करार दे चुका है। ...

    नई दिल्ली !   राज्यसभा में एक तरफ हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा, तो दूसरी तरफ कोयला ब्लॉक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक लंबित पड़े हैं, जिन्हें दो दिनों की शेष कार्यवाही के दौरान पारित कराने हैं। कोयला खदान (विशेष प्रावधान) विधेयक, 2014 उन 200 कोयला ब्लॉकों की नीलामी को सुनिश्चित करेगा, जिनके आवंटन को सर्वोच्च न्यायालय गैरकानूनी करार दे चुका है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) संशोधन विधेयक, 2014 के पारित होने से उस अधिनियम की समय सीमा में बढ़ोतरी होगी, जो अवैध निर्माण यानी अनधिकृत बस्तियों को सुरक्षा प्रदान करता है, जो इस महीने के अंत में समाप्त हो जाएगा। शनिवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।दोनों विधेयकों को लोकसभा पारित कर चुकी है। बीमा कानून (संशोधन) विधेयक वर्ष 2008 से ही राज्यसभा में लंबित है, उसपर विचार कर उसे पारित कराना है। विज्ञप्ति के मुताबिक, लोकसभा में वस्तु एवं सेवाकर विधेयक को एक राष्ट्र, एक बाजार, एक कर के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया। विज्ञप्ति के मुताबिक, संसद के दोनों सदनों में कामकाज विपरीत ढंग से हो रहा है। शीतकालीन सत्र के पहले चार सप्ताह तथा 20 बैठकों के दौरान लोकसभा में 126 घंटों से ज्यादा कार्यवाही हुई, जो 105 फीसदी उत्पादकता प्रदर्शित करता है, जबकि राज्यसभा में मात्र 68 फीसदी ही कामकाज हो पाया।इस सत्र में लोकसभा ने कुल 17 विधेयक, जबकि राज्यसभा में मात्र 11 विधेयक पारित हुए।

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