• सरकार ने माना 25 प्रतिशत किसान अभी भी साहूकार के चंगुल में

    नयी दिल्ली ! सरकार ने आज माना कि देश का 25 प्रतिशत किसान अभी भी अपनी रिण जरुरतों के लिए साहूकारों के चंगुल में फंसा हुआ है । लोकसभा में आज प्रश्नोत्तर काल के दौरान वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने बताया कि सरकार किसानों को प्राथमिकता के साथ रिण मुहैया कराने पर जोर दे रही है । हर वर्ष कुल रिण का 18 प्रतिशत अर्थात सात लाख करोड रुपए का र्कज किसानों को मुहैया कराया जाता है । ...

    नयी दिल्ली !   सरकार ने आज माना कि देश का 25 प्रतिशत किसान अभी भी अपनी रिण जरुरतों के लिए साहूकारों के चंगुल में फंसा हुआ है ।    लोकसभा में आज प्रश्नोत्तर काल के दौरान वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने बताया कि सरकार किसानों को प्राथमिकता के साथ रिण मुहैया कराने पर जोर दे रही है । हर वर्ष कुल रिण का 18 प्रतिशत अर्थात सात लाख करोड रुपए का र्कज किसानों को मुहैया कराया जाता है । उन्होंने बताया कि वित्तीय संस्थान 75 प्रतिशत किसानों को रिण उपलब्ध करा रहे हैं .किंतु 25 प्रतिशत किसान अभी भी अपनी र्कज जरुरतों के लिए साहूकारों के सहारे हैं।    श्री सिन्हा ने बताया कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत किसानों तक पहुंच और बढाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है । उन्होंने सांसदों से आग्रह किया कि जनप्रतिनिधि होने के नाते यह हमारा भी र्कतव्य है कि किसानों को इस सबसे से अवगत करायें और साहूकारों की गिरफ्त से मुक्त कराने में सहयोग करें 1    किसानों को सस्ते रिण के संबंध में श्री सिन्हा ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराये गए हैं 1 चौदह करोड किसानों को क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराये जा चुके हैं 1 इसके तहत किसानों को सात प्रतिशत पर रिण मुहैया कराया जाता है और ढाई एकड जोत तक के किसान जो समय से अपना रिण जमा करा देते हैं उन्हें ब्याज में तीन प्रतिशत की छूट दी जाती है ।    किसानों की आत्महत्या के संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्न के उत्तर में श्री सिन्हा ने कहा कि इसके अकाल . सूखा और प्राकृतिक आपदा जैसे स्थानीय कारण है । सरकार किसानों को आपदा राहत और फसल बीमा . प्रधानमंत्री राहत कोष और नाबार्ड आदि के तहत राहत मुहैया कराती है ।आपदा पर और राहत के बारे में सोचा जा रहा है ।    उन्होंने महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या के संबंध में एक अन्य पूरक प्रश्न में कहा कि सूखा. ओलावृष्टि और प्राकृतिक आपदा की वजह से किसान ऐसा करते हैं और केवल रिण मुहैया करा देना इस समस्या का हल नहीं है । उन क्षेत्रों में खेती के लिए सिंचाई के साधनों की कमी है जिस पर ध्यान दिया जा रहा है ।

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