• फिर से सुर्खियों में वाड्रा भूमि सौदा ,जांच के आदेश से दो पेज गायब

    नई दिल्ली ! वाड्रा जमीन सौदा एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। विगत में सियासी रूप ले चुका जमीन सौदा एक बार फिर से सुर्खियों में है। सौदे की जांच के आदेश से पेज ही गायब हैं। इस मामले में पिछली सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। आईएएस अधिकारी अशोक खेमका द्वारा आरटीआई के तहत फाइल की गई याचिका में स्टेट पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफिसर डीआर वाधवा ने जवाब दिया...

    पिछली सरकार ने दिए थे जांच के आदेश  आरटीआई के तहत मिली जानकारी नई दिल्ली !   वाड्रा जमीन सौदा एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। विगत में सियासी रूप ले चुका जमीन सौदा एक बार फिर से सुर्खियों में है। सौदे की जांच के आदेश से पेज ही गायब हैं। इस मामले में पिछली सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। आईएएस अधिकारी अशोक खेमका द्वारा आरटीआई के तहत फाइल की गई याचिका में स्टेट पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफिसर डीआर वाधवा ने जवाब दिया और बताया कि आदेश में लगे नोट से पेज नंबर- 1 और 2 गायब हैं और यही वजह है कि याचिकाकर्ता को ये पेज उपलब्ध नहीं कराए जा सकते हैं। फैसले से संबंधित सभी महत्वपूर्ण टिप्पणियां उन्हीं दो पेज में थे, जो अभी गायब हैं। जब इन गायब पेज के बारे में मुख्य सचिव पीके गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने कहा, खेमका ने आरटीआई के जरिए कुछ दस्तावेजों की मांग की थी, हमने कागज भेज दिए हैं, जिसमें से दो पेज नहीं मिल पा रहे हैं। इसकी जांच की जा रही है। खेमका ने इन गायब पेज की शिकायत हरियाणा के चीफ इन्फॉर्मेशन कमिश्नर और चीफ सेकेट्री से की है। खेमका ने अपनी शिकायत में कहा कि दो पेज में दर्ज टिप्पणी में महत्वपूर्ण सूचनाएं थीं और यह भी था कि कैसे अवैध तरीके से जांच के लिए समिति का गठन किया गया। विदित हो कि जून 2014 में खेमका ने उन दस्तावेजों की मांग की, जिससे की यह पता चल सके कि वाड्रा को क्लीनचिट देने वाली समिति का गठन कैसे हुआ। खेमका ने गुडग़ांव जिले के शिकोहाबाद में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की जमीन का दाखिल खारिज रद्द कर दिया था। उस समय हरियाणा की भूपेंदर सिंह हुड्डा की सरकार ने इस मामले की जांच के लिए 19 अक्टूबर 2012 को तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। इसमें तीन आईएएस ऑफिसर कृष्ण मोहन, केके जालन और राजन गुप्ता थे। जमीन मामले से जुड़ी हर फाइल को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी राज्य की भाजपा सरकार की है। जांच कमेटी के गठन से संबंधित फाइल से जुड़े कुछ कागजात यदि गुम हो गए हैं तो राज्य सरकार इस बारे में कोई भी जांच कराने को स्वतंत्र है : रणदीप सुरजेवाला

अपनी राय दें