• इंदिरा आवास योजना में भ्रष्टाचार का कैग ने किया खुलासा

    नई दिल्ली ! महानियंत्रक एवं लेखा परीक्षक, सीएजी, ने देश के बारह राज्यों में 36.751 गैर.बीपीएल परिवारों को इंदिरा आवास योजना के तहत मकान देने के घपलें का खुलासा किया है जबकि 11 राज्यों में 10.184 ऐसे परिवारों को मकान देने की अनियमितताएं पकड़ी है जो उसके लिये हकदार ही नहीं थे। इस तरह सीएजी की रिपोर्ट में राजकोष से।20 करोड़़़ रूपये से अधिक का चूना लगाने की बात कही गई है। ...

     नई दिल्ली !    महानियंत्रक एवं लेखा परीक्षक, सीएजी, ने देश के बारह राज्यों में 36.751 गैर.बीपीएल परिवारों को इंदिरा आवास योजना के तहत मकान देने के घपलें का खुलासा किया है जबकि 11 राज्यों में 10.184 ऐसे परिवारों को मकान देने की अनियमितताएं पकड़ी है जो उसके लिये हकदार ही नहीं  थे। इस तरह सीएजी की रिपोर्ट में राजकोष से।20 करोड़़़ रूपये से अधिक का चूना लगाने की बात कही गई है।      संसद में आज पेश सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार देश के 14 राज्यों में इंदिरा आवास विकास योजना के तहत लाभार्थियों के लिये मकानों की कमी का पता भी नहीं लगाया गया जबकि 12 राज्यों में 89.55 करोड़़़ रूपये गैर बीपीएल परिवारों को मकान बनाने के लिये दिये गये जबकि 11 राज्यों में 31.73 करोड़़ रूपये उन लाभार्थियों को दिये गये जो उसके हकदार ही नहीं  थे।      सीएजी ने यह रिपोर्ट 2008..2013 के बीच देश के 27 राज्यों तथा केन्द्रशासित क्षेत्रों के 168 जिलों की जांच कर तैयार की है।रिपोर्ट के अनुसार 2008..13 में 170 लाख मकान इंदिरा आवास योजना के तहत बनाने थे पर केवल 128.92 लाख मकान ही बने यानी करीब 40 लाख मकान नहीं बने।      रिपोर्ट के अनुसार सात राज्यों में 138 करोड़़़ रूपये की लागत से 33.536 ऐसे लाभार्थियों के लिये मकान बने जिनके नाम इंदिरा आवास योजना की प्रतीक्षा सूची में नहीं था।  1.654 ऐसे लाभार्थियों के मकान बने जिनके पास पहले से ही कच्चे मकान थे।     रिपोर्ट के अनुसार 9 राज्यों के 48 जिलों में दो साल से भी अधिक समय से 61.293 मकान नहीं बन सके जिनमें 150 करोड़़ का अतिरिक्त खर्च हुआ।     इतना ही नहीं 13 राज्यों की।639 पंचायतों में मकान की गुणवत्ता की जांच भी नहीं की गयी। इस तरह इन पंचायतों में घटिया स्तर के मकान बनाये गये।       रिपोर्ट के अनुसार राज्यों द्वारा फंड का इस्तेमाल करने में विलंब के कारण केन्द्रीय आवंटन से 2 451.84 करोड़़ रूपये की कटौती भी की गयी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इंदिरा आवास योजना की निर्धारित तरीकों से जांच भी नहीं की गयी। इसलिये सीएजी ने लाभार्थियेां का चयन परदर्शी तरीके से करने तथा सोशल आडिट कराने का भी सुझाव दिया है।

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