• मालगाडिय़ों के परिचालन में घोर लापरवाही!

    नई दिल्ली 1 रेलवे की दो तिहाई आमदनी देने वाली मालगाडिय़ों के परिचालन को लेकर घोर लापरवाही को उजागर करते हुए देश के सर्वोच्च लेखाकार ने कहा है कि देश में सत्तर फीसदी से ज्यादा मालगाडिय़ों की औसत गति 20 किलोमीटर प्रति घंटा से कम है तथा अक्सर उन्हें 24 घंटे से ज्यादा समय तक रोक लिया जाता है। कैग ने खुलासा किया है कि मालगाडिय़ों के परिचालन में घोर लापरवाही देखी जाती है। ...

    नई दिल्ली 1   रेलवे की दो तिहाई आमदनी देने वाली मालगाडिय़ों के परिचालन को लेकर घोर लापरवाही को उजागर करते हुए देश के सर्वोच्च लेखाकार ने कहा है कि देश में सत्तर फीसदी से ज्यादा मालगाडिय़ों की औसत गति 20 किलोमीटर प्रति घंटा से कम है तथा अक्सर उन्हें 24 घंटे से ज्यादा समय तक  रोक लिया जाता है। कैग ने खुलासा किया है कि मालगाडिय़ों के परिचालन में घोर लापरवाही देखी जाती है। उसने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे में एक गाड़ी ने 442 किलोमीटर का रास्ता 21 घंटे में तय किया तथा वह 14 घंटे 25 मिनट रोकी गई। इसी तरह उत्तर रेलवे में 15 ऐसे मामले पाए गए हैं जिनमें गाडिय़ां 51 घंटे से लेकर 195 घंटे यानी आठ दिन से ज्यादा रोकी गई। नियंत्रक एवं महालेखा परिक्षक (कैग) की रिपोर्ट में इन तथ्यों का खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट को संसद के दोनों सदनों में आज पेश किया गया। कैग की रिपोर्ट बताती है कि रेलवे ने भले ही एक अरब टन माल ढोने वाली विश्व की चौथी रेलवे का स्थान हासिल कर लिया हो लेकिन वह भारत में कुल मालवाहन का मात्र 35 फीसदी ही वहन कर पा रही है। एक आकलन के अनुसार रेलवे अपनी माल वहन क्षमता का मात्र 67 फीसदी ही इस्तेमाल कर पा रही है।

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