चेन्नई ! तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने शुक्रवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कई पहलुओं पर सहमति बनाए बगैर इस पर संविधान संशोधन विधेयक पेश किए जाने की कड़ी आलोचना की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा और उसकी सामग्री मीडिया को भी जारी की। सरकार का पहले जीएसटी पर संविधान संशोधन विधेयक पेश करने और उसके बाद जीएसटी परिषद के जरिए वास्तविक कर, कर बैंड और अन्य मुद्दों पर सहमति कायम करने का प्रस्ताव स्वीकार्य नहीं है।उन्होंने कहा, "हम यह कहना चाहेंगे कि भारत सरकार को पहले राज्यों के वित्त मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह को महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए और तब जीएसटी पर संविधान संशोधन विधेयक पर आगे बढ़ना चाहिए।"पन्नीरसेल्वम ने जीएसटी परिषद को संविधानिक इकाई बनाने के राज्य के विरोध को फिर से दुहराते हुए कहा कि यह राज्यों की स्वायत्ता को क्षीण करता है।उन्होंने कहा, "खास तौर से हम फैसला लिए जाने के नियम और मतदान के वेटेज का विरोध करते हैं, जो भारत सरकार को परिषद में वीटो शक्ति प्रदान करता है और राज्यों के वेटेज में कोई विभेद नहीं करता है।"संविधान संशोधन विधेयक पर की जा रही जल्दबाजी का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम से राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता और आय की स्थिति पर दूरगामी असर होगा।उनके मुताबिक इस तरह के दूरगामी प्रभाव वाले सुधार करने से पहले केंद्र सरकार को राज्यों के डर को दूर करने और सहमति बनाने की कोशिश करनी चाहिए।