• दोस्ती कर पुराने घाव भरेंगे अमरीका-क्यूबा

    नई दिल्ली ! साठ के दशक से चल रहा अमरीका व क्यूबा के बीच टकराव समाप्त हो गया है। दोनों देशों ने विगत के घावों को भरते हुए एक दूसरे के नजदीक आने का निर्णय लिया है। क्यूबा के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के मकसद से जो कदम उठाए जा रहे हैं उनमें हवाना में अमरीकी दूतावास को फिर से बहाल करना, व्यापार और यात्रा संबंधी पाबंदियों में ढील देना और आतंकवाद के प्रायोजक राष्ट्र के तौर पर क्यूबा की समीक्षा करने के कदम शामिल हैं। ...

     साठ के दशक से चल रही दुश्मनी होगी समाप्तनई दिल्ली !  साठ के दशक से चल रहा अमरीका व क्यूबा के बीच  टकराव समाप्त हो गया है। दोनों देशों ने विगत के घावों को भरते हुए एक दूसरे  के नजदीक आने का निर्णय लिया है। क्यूबा के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के मकसद से जो कदम उठाए जा रहे हैं उनमें हवाना में अमरीकी दूतावास को फिर से बहाल करना, व्यापार और यात्रा संबंधी पाबंदियों में ढील देना और आतंकवाद के प्रायोजक राष्ट्र के तौर पर क्यूबा की समीक्षा करने के कदम शामिल हैं। दोनों देशों के बीच हुई डील के तहत क्यूबा ने अपने यहां बंद अमरीका कार्यकर्ता ऐलन ग्रोस और एक अमरीकी जासूस को छोड़ दिया। बदले में अमरीका ने तीन क्यूबाई जासूसों को रिहा किया है। अमरीका और क्यूबा के रिश्तों में ऐतिहासिक बदलाव की यह शुरुआत मंगलवार को अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और क्यूबा के राष्टï्रपति राउल कास्त्रो के बीच एक ऐतिहासिक फोन कॉल से हुई। इसके बाद ओबामा ने क्यूबा के साथ राजनयिक रिश्तों को सामान्य बनाने के मकसद से कई महत्वपूर्ण कदमों की घोषणा की। दोनों देशों के बीच करीब पांच दशक से कोई राजनयिक रिश्ते नहीं हैं। इस बीच ओबामा ने देश के नाम दिए संबोधन में कहा कि हम उस पुराने रुख को खत्म करेंगे जो दशकों से हमारे हितों को आगे बढ़ाने में नाकाम रहा है। हम दोनों देशों के बीच रिश्तों को सामान्य बनाने की शुरुआत करेंगे। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने भी प्रशंसा की है।  ऐतिहासिक पहल में पोप ने निभाई बड़ी भूमिका जब ओबामा राष्ट्र के नाम एक संदेश में ये घोषणाएं कर रहे थे, उसी वक्त कास्त्रो ने क्यूबा में लोगों को संबोधित करते हुए इस फैसले का सम्मान करने की बात कही। इस ऐतिहासिक पहल और नतीजे में पोप फ्रांसिस की अहम भूमिका बताई जा रही है। दोनों नेताओं ने अपने संबोधन में पोप की भूमिका की तारीफ भी की। यह क्यूबा और अमरीका के राष्ट्र प्रमुखों के बीच 1959 के बाद पहली वार्ता थी। अमरीका में भी इस कदम को रिपब्लिकन पार्टी की आलोचना झेलनी पड़ सकती है। संसद में बहुमत होने के कारण संभव है कि रिपब्लिकन पार्टी क्यूबा के खिलाफ व्यापारिक प्रतिबंधों को हटाने की मंजूरी न दे।

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