• राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने दी इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई

    राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जीएसएलवी-मार्क3 के सफल परीक्षण पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के वैज्ञानिकों को बधाई दी। राष्ट्रपति ने इसरो के अध्यक्ष के.राधाकृष्णन को भेजे संदेश में लिखा, "क्रू मोड्यूल एटमॉस्फेरिक री-एंट्री एक्सपेरिमेंट (सीएआरई) को वहन करने वाले भारत की नई पीढ़ी के भू-स्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान-मार्क3 का परीक्षण करने के लिए मेरी तरफ से आपको और इसरो की आपकी टीम को बधाई।...

    नई दिल्ली | राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जीएसएलवी-मार्क3 के सफल परीक्षण पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के वैज्ञानिकों को बधाई दी। राष्ट्रपति ने इसरो के अध्यक्ष के.राधाकृष्णन को भेजे संदेश में लिखा, "क्रू मोड्यूल एटमॉस्फेरिक री-एंट्री एक्सपेरिमेंट (सीएआरई) को वहन करने वाले भारत की नई पीढ़ी के भू-स्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान-मार्क3 का परीक्षण करने के लिए मेरी तरफ से आपको और इसरो की आपकी टीम को बधाई।उन्होंने कहा कि जीएसएलवी-मार्क-3 हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम में मील का पत्थर है और एकबार फिर इसने भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की बढ़ती क्षमता का प्रदर्शन किया है।  राष्ट्रपति ने कहा, "मेरी तरफ से वैज्ञानिकों, इंजीनियरों,तकनीशियनों की आपकी टीम और इस अभियान में शामिल अन्य लोगों को हार्दिक बधाई। मैं आपके भविष्य के प्रयास के भी सफल होने की कामना करता हूं।" इधर, मोदी ने बधाई देते हुए अपने संदेश में कहा, "जीएसएलवी का सफल परीक्षण हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम और प्रतिभा का एक और उदाहरण है। आप सभी के प्रयासों के लिए बधाइयां।" इसरो ने नवीनतम पीढ़ी के 630 टन भार वाले अपने सर्वाधिक वजनी रॉकेट भू-स्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान-मार्क3 का अांध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से गुरुवार को सफल परीक्षण किया।


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