• स्पाइसजेट की उड़ानों का संचालन शुरू

    नई दिल्ली ! तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के साथ सहमति होने के बाद किफायती विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने कुछ मार्गो पर उड़ानों का संचालन शुरू कर दिया। कंपनी ने साथ ही कहा कि कंपनी द्वारा बैंकों से ऋण हासिल करना उसे राहत देना नहीं होगा। ओएमसी ने कंपनी द्वारा बकाया भुगतान नहीं किए जाने पर उसके विमानों में साख के आधार पर ईंधन भरने से इंकार कर दिया था, जिसके कारण बुधवार सुबह से कंपनी की उड़ानें रुक गईं थीं।...

    नई दिल्ली !   तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के साथ सहमति होने के बाद किफायती विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने कुछ मार्गो पर उड़ानों का संचालन शुरू कर दिया। कंपनी ने साथ ही कहा कि कंपनी द्वारा बैंकों से ऋण हासिल करना उसे राहत देना नहीं होगा। ओएमसी ने कंपनी द्वारा बकाया भुगतान नहीं किए जाने पर उसके विमानों में साख के आधार पर ईंधन भरने से इंकार कर दिया था, जिसके कारण बुधवार सुबह से कंपनी की उड़ानें रुक गईं थीं।स्पाइसजेट के मुख्य संचालन अधिकारी संजीव कपूर ने सुबह कहा, "स्पाइसजेट हमारे विमानों में ईंधन नहीं भरे जाने के कारण उड़ानें बाधित होने और इसके कारण यात्रियों को हुई समस्या के लिए खेद प्रकट करती है। हम समस्या को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।"कंपनी को राहत देने की बात देकर सरकार द्वारा की गई आलोचना के जवाब में कपूर ने ट्विटर पर कहा, "मंत्रालय द्वारा बैंकों को ऋण देने का अनुरोध किया जाना राहत नहीं है। प्रमोटर ऋण की गारंटी लेंगे। बैंक कंपनी को ऋण देने में हिचकिचा रहे हैं।"किंगफिशर की तरह स्पाइसजेट की देश भर में उड़ानों का संचालन रुक जाने से यात्री कई हवाईअड्डों पर फंसे रह गए।कंपनी फिलहाल प्रति दिन 250 उड़ानों का संचालन करती है। इनमें से अधिकतर उड़ानें दिल्ली और मुंबई से होती हैं।ओएमसी ने कंपनी को कैश एंड कैरी श्रेणी में डाल रखा है, जिसके तहत कंपनी को हर बार तेल खरीदने के लिए भुगतान करना पड़ता है।नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने मंगलवार को स्पाइसजेट को अंतरिम राहत देते हुए इसके प्रमोटर को कंपनी में पूंजी निवेश करने के लिए कहा था।मंत्रालय ने कहा है कि वह ओएमसी को कंपनी को 15 दिनों की और मोहलत देने के लिए कहेगा।विमानन कंपनी का रोज का ईंधन खर्च करीब पांच करोड़ रुपये है, जबकि कंपनी पर ओएमसी का 14 करोड़ रुपये बकाया है।मंत्रालय ने कहा था कि ऋण के रूप में कुछ संचालन पूंजी के लिए बैंकों से भी संपर्क किया जा सकता है।मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "प्रमोटर के आश्वासन के आधार पर वित्तीय संस्थानों को 600 करोड़ रुपये का ऋण जारी करने का अनुरोध किया जाएगा, जिसे दीर्घावधि निवेश हासिल करने के बाद तुरंत चुकाया जाना चाहिए, निवेश हासिल करने में करीब आठ सप्ताह लग सकता है।"विमानन कंपनी के लिए कामकाजी पूंजी के रूप में वित्त मंत्रालय से भी विदेशी वाणिज्यिक ऋण (ईसीबी) सुविधा के लिए अनुमति मांगी गई है।स्पाइसजेट की एक टीम सोमवार को नई बुकिंग पर लगाई 30 दिन की सीमा के परिणामों पर विचार करने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय से मिली थी।कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन अधिकारियों ने राहत के लिए सोमवार को नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू और उनके सहायक नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री महेश शर्मा से भी राहत के लिए मुलाकात की थी।विमानन कंपनी ओएमसी और हवाईअड्डा संचालकों से बकाया भुगतान के लिए और समय की मांग कर रही है।इस बीच कंपनी के शेयर बंबई स्टॉक एक्सचेंज में 5.40 फीसदी गिरावट के साथ 13.15 रुपये पर बंद हुए।सितंबर में समाप्त हुई तिमाही में कंपनी को 310 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जो एक साल पहले समान अवधि में 560 करोड़ रुपये था।कंपनी अभी सिर्फ 26 विमानों का संचालन करती है, जबकि इस साल के शुरू में वह 35 विमानों का संचालन कर रही थी।उल्लेखनीय है कि कंपनी के लेखापरीक्षक एसआर बाटलीबोई एंड एसोसिएट्स ने कंपनी के लाभ में चलते रह पाने की संभावना पर संदेह जताया है।

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