• वादी में लोकतंत्र की जीत से पाक व आतंकवादी परेशान

    जम्मू ! ज्य में 1987 के बाद पहली बार हुए जमकर मतदान से राज्य में खुशी का माहौल था पर अब वह खुशी काफू र होने लगी है। अरनिया में हुए आतंकी हमले से लोगों में दहशत है। यही नहीं पहले चरण के मतदान के बाद हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर द्वारा फि र से जारी की गई चुनाव विरोधी धमकी और चेतावनी से भी अब दहशत का माहौल है। आतंकी हमले के बाद अब राज्य में तैनात सुरक्षाधिकारी कहने लगे हैं कि मतदान के अगले चरण खूनी साबित हो सकते हैं क्योंकि पाकिस्तान बहुत परेशान है।...

    दूसरे चरण के मतदान के लिए सेना ने कसी कमर जम्मू !  ज्य में 1987 के बाद पहली बार हुए जमकर मतदान से राज्य में खुशी का माहौल था पर अब वह खुशी काफू र होने लगी है। अरनिया में हुए आतंकी हमले से लोगों में दहशत है। यही नहीं पहले चरण के मतदान के बाद हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर द्वारा फि र से जारी की गई चुनाव विरोधी धमकी और चेतावनी से भी अब दहशत का माहौल है। आतंकी हमले के बाद अब राज्य में तैनात सुरक्षाधिकारी कहने लगे हैं कि मतदान के अगले चरण खूनी साबित हो सकते हैं क्योंकि पाकिस्तान बहुत परेशान है। दूसरे चरण का मतदान 2 दिसंबर को होना है और 18 विधानसभा क्षेत्रों में से 9 कश्मीर वादी के हैं। आतंकी हमले के बावजूद प्रथम चरण के मतदान के सफ लतापूर्वक संपन्न होने से उत्साहित सेना व सुरक्षाबलों ने दूसरे चरण के मतदान को कामयाब बनाने की तैयारिया तेज कर दी है। दूसरे चरण में कश्मीर की नौ सीटों के लिए होने वाले मतदान को सुरक्षित बनाने की रणनीति दक्षिण कश्मीर के खन्नाबल में सेना, सुरक्षाबलों व राज्य पुलिस के अधिकारियों की बैठक में तय हुई। दूसरे चरण में दो दिसंबर को अठारह सीटों के लिए मतदान होना है। इनमें से नौ सीटें जम्मू संभाग व नौ कश्मीर संभाग की हैं। इन सीटों के लिए 175 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें से 53 निर्दलीय हैं। दूसरे चरण में जिन सीटों के लिए मतदान होना है उनमें कश्मीर संभाग की करनाह, कुपवाड़ा, लोलाब, हंदवाड़ा, लंगेट, नुराबाद, कुलगाम, होम-शालीबुग, देवसर व जम्मू संभाग की गुलाबगढ़, रियासी, गूल अरनास, उधमपुर, चनैनी, रामनगर, सुरनकोट, मेंढर, पुंछ हवेली, शामिल हैं। ऐसे में कश्मीर की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सेना की पंद्रह कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने अनंतनाग के एक सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स मुख्यालय में बैठक कर चुनाव की सुरक्षा पर चर्चा की थी। पहले चरण के चुनाव के सुरक्षापूर्वक संपन्न होने पर बधाई देते हुए कोर कमांडर ने कहा कि दूसरे चरण में बेहतर समन्वय से शरारती तत्वों के मसूंबों को नाकाम बनाया जाएगा। पर बैठक में अरनिया के आतंकी हमले को भी मद्देनजर रखने के लिए कहा गया था। कुल मिलाकर जम्मू- कश्मीर में स्थित सामान्य नहीं है। बावजूद इसके सेना व स्थानीय प्रशासन को उम्मीद है कि पहले की तरह दूसरे चरण के चुनाव भी शांति पूर्वक संपन्न करा लिए जाएंगे। सेना ने सीमा पर अपनी चौकसी बढ़ा दी है। सेना ने अपने आप को पहले ज्यादा चौकन्ना किया है। सेना के सूत्रों के अनुसार, पाक रेजरों के सहयोग से आतंकी कभी भी सीमा पार से घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में चौकस रहना बेहद जरूरी है।

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