• 18वां दक्षेस सम्मेलन कई महत्वपूर्ण सहमति के साथ संपन्न

    काठमांडू ! काठमांडू में 36 सूत्री काठमांडू घोषणा पत्र की स्वीकृति के साथ गुरुवार को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) शिखर सम्मेलन का समापन हो गया। शिखर सम्मेलन के दौरान ऊर्जा सहयोग पर दक्षेस ऊर्जा सहयोग कार्यरूप समझौते पर हस्ताक्षर किया गया, ...

    काठमांडू !    काठमांडू में 36 सूत्री काठमांडू घोषणा पत्र की स्वीकृति के साथ गुरुवार को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) शिखर सम्मेलन का समापन हो गया। शिखर सम्मेलन के दौरान ऊर्जा सहयोग पर दक्षेस ऊर्जा सहयोग कार्यरूप समझौते पर हस्ताक्षर किया गया, जबकि दक्षिण एशियाई राष्ट्रों के नेता अगले तीन महीने के अंदर मोटर व्हिकल एवं रेलवे से जुड़े दो समझौते करने पर सहमति बनाने के लिए बैठक करेंगे। शिखर सम्मेलन ने काठमांडू घोषणा पत्र को 'शांति तथा समृद्धि के लिए प्रगाढ़ एकता' के नाम से स्वीकार किया, जिसके माध्यम से व्यापार, वित्त, निवेश, ऊर्जा, बुनियादी सुविधाओं तथा संपर्क में सहयोग को गहरा किया जाएगा।सम्मेलन ने क्षेत्र में मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने का फैसला किया, साथ ही परियोजनाओं के निर्माण एवं कार्यान्वयन तथा दक्षेस की गतिविधियों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन पर जोर दिया गया। उसी प्रकार सम्मेलन ने गरीबी उन्मूलन, बुनियादी सुविधाओं का निर्माण, संपर्क तथा ऊर्जा के क्षेत्र में क्षेत्रीय तथा उप-क्षेत्रीय परियोजनाओं को शुरू करने पर सहमति जताई। सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए दक्षेस नेता युवाओं की शक्ति खासकर घरों में रोजगार के मौकों का सृजन तथा क्षेत्र से बाहर रोजगार करने पर उनकी सुरक्षा तथा कल्याण के लिए सामूहिक पदों के निर्माण का इस्तेमाल करने पर भी सहमत हुए।आतंकवाद से मुकाबला करने वाले घोषणापत्र में लोगों, हथियारों तथा मादक पदार्थो की तस्करी, जबरदस्ती काम कराने के लिए बच्चों का शोषण पर सदस्य देशों के साथ प्रभावी सहयोग की चर्चा है।कृषि उत्पादकता बढ़ाना तथा भोजन व पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना भी काठमांडू घोषणापत्र का हिस्सा है।गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना, अशिक्षा दूर करना, व्यावसायिक शिक्षा तथा प्रशिक्षण प्रदान करना और सरकारी-निजी साझेदारी के माध्यम से दक्षिण एशिया को एक साझा आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना भी घोषणापत्र का हिस्सा है।सभी नेता दक्षेस शिखर सम्मेलन को हर दो वर्षो या जरूरत पड़े, तो उसके पहले मंत्रिपरिषद की बैठक साल में कम से कम एक बार, स्थायी समिति की बैठक साल में कम से कम एक बार तथा कार्यक्रम समिति की बैठक दो साल में कम से कम एक बार कराने के लिए सहमत हो गए हैं। वे कार्यक्रम समिति को दक्षेस के एक घोषणापत्र निकाय के रूप में बनाने के लिए भी सहमत हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि इस साल शिखर सम्मेलन 22 नवंबर को दक्षेस कार्यक्रम समिति की बैठक के साथ ही शुरू हो गया था। स्थायी समिति की बैठक 23-24 नवंबर, जबकि मंत्रिपरिषद की बैठक 25 नवंबर को हुई थी।

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