• कालेधन के आखिरी खाताधारक तक पहुंचेगी सरकार : जेटली

    नई दिल्ली ! वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज देश को भरोसा दिलाया कि सरकार कालाधन वापस लाने की सही दिशा में आगे बढ रही है और जब तक आखिरी खाताधारक की पहचान नहीं होती वह चुप नहीं बैठेगी। लोकसभा में पांच घंटे तक कालेधन पर चली चर्चा का जवाब देते हुए श्री जेटली ने कहा कि हमारे समक्ष अंतरराष्ट्रीय संधियों को लेकर कुछ अडचने हैं और सरकार उन संधियों के अनुसार आगे बढकर कालेधन पर किए गए अपने वादे को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि 627 खाताधारकों में से 427 की पहचान की जा चुकी है और उन्हें नोटिस दिए जा रहे हैं ...

    नई दिल्ली !  वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज देश को भरोसा दिलाया कि सरकार कालाधन वापस लाने की सही दिशा में आगे बढ रही है और जब तक आखिरी खाताधारक की पहचान नहीं होती वह चुप नहीं बैठेगी।    लोकसभा में पांच घंटे तक कालेधन पर चली चर्चा का जवाब देते हुए श्री जेटली ने कहा कि हमारे समक्ष अंतरराष्ट्रीय संधियों को लेकर कुछ अडचने हैं और सरकार उन संधियों के अनुसार आगे बढकर कालेधन पर किए गए अपने वादे को पूरा करेगी।    उन्होंने कहा कि 627 खाताधारकों में से 427 की पहचान की जा चुकी है और उन्हें नोटिस दिए जा रहे हैं और उनके खिलाफ फौजदारी मुकदमे र्दज किए गए हैं। इन लोगों में प्रभावी लोग भी है जिनके नाम चाैंकाने वाले होगे। सरकार का पूरा प्रयास है कि अगले वर्ष 31 मार्च तक इन खातों का आकलन पूरा कर लिया जाए और जो भी दोषी पाए जाएं उनके खिलाफ मुकदमें दायर कर दिए जाएं।    वित्तमंत्री के उत्तर से संतुष्ठ नहीं होकर कांग्रेस. तृणमूल कांग्रेस और वाम दल के सदस्य बीच में ही सदन से बहिर्गमन कर गए। श्री जेटली ने विपक्ष के कालाधन पर गंभीर नहीं होने के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि मई में नई सरकार आने के बाद सबसे पहला काम कालेधन पर विशेष जांच दल.एस आई टी का गठन किया गया जबकि पूर्ववर्ती सरकार इस मामले को तीन साल से लटकाते रही थी। उच्चतम न्यायालय ने चार जुलाई 2011 को इस मामले में एस आई टी के गठन का आदेश दिया था। उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को इसका अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष बनाया गया। सरकार ने एस आई टी को कालेधन से जुडे सभी दस्तावेज साैंपे गए हैं और वह इस पर अपना काम कर रही है।      उन्होंने समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव के इस कथन से सहमति जताई कि विदेशी खातों में जो पैसा रखा है वह निकाल लिया गया है।    वित्त मंत्री ने माना कि कानून में खामियां हैं और हमारे सामने यह दिक्कत है कि जो पैसा पकडा जाएगा वह स्वदेश वापस कैसे आएगा। इस पर एस आई टी भी चिंता कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास होगा कि विदेश में जमाधन वापस नहीं ला सकते हैं तो कम से कम देश में उसकी उतनी संपत्ति कुर्क कर लें।    उन्होंने कहा कि कई देशों के साथ इस तरह की संधि की जा रही है कि गोपनीयता के प्रावधान का उल्लंघन नहीं हो और हमें सूचना उपलब्ध कराने में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो।   श्री जेटली ने एक घंटे से अधिक समय के अपने जवाब में विपक्ष के एक एक आरोप का जवाब दिया और कहा कि सरकार विदेशों से ऐसे समझौते करने जा रही है जिससे वहां जमा होने वाले पैसे की जानकारी मिल जाएगी। उनका कहना था कि यह पैसा यदि नाजायज है तो उसकी सूचना सरकार से छिपाने का प्रयास होगा लेकिन हमें उसकी सूचना मिल जाएगी और फिर हम उस राशि पर 30 प्रतिशत कर वसूलने की स्थिति में होंगे।      बीजू जनता दल के भर्तृहरि मेहताब के इस सवाल पर कि जिन सूची में शामिल जिन 250 लोगों ने जानकारी दे दी है तो इस मामले मेंगोपनीयता आडे नहीं आनी चाहिए और उनके नाम उजागर होने चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि सबूत देश से बाहर हैं और हमें सबसे तालमेंल बिठाकर काम करना होगा। ऐसी स्थिति में हमें 30 प्रतिशत कर को भी रोकना पडेगा।    श्री जेटली ने कहा कि प्रत्यक्ष कर कोड .डीटीसी तथा वस्तु एवं सेवाकर .जीएसटी. विचाराधीन है और उम्मीद है कि इस पर सहमति बन जाएगी इस बिधेयक को इसी सत्र में पेश कर दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि अब विदेशोंसे कालाधन वापस लाने का काम आसान हो सकता है। उनका कहना था कि विदेशों में भी इस तरह के कानून बन रहे हैं। उन्होंने अमेरिका के फटका कानून का हवाला दिया और कहा कि इसके तहत हर देश उसके साथ जानकारियों के आदान प्रदान का समझौता करेगा।    उन्होंने कहा कि सरकार कर दर को उचित रखकर इसका दायरा बढाना चाहती है और करदाता कर दे सकते हैं वह अदा करें। उन्होंने कहा कि करचोरों के साथ किसी तरह की रियायत नहीं हो।    इससे पहले विपक्ष के बहिर्गमन पर संसदीय कार्यमंत्री बैंकैया नायडू ने इसे अन्याय और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी। जनता चुनाव में सबक सिखा चुकी और ऐसा व्यवहार स्वीकार नहीं करेगी और इसका खामियाजा उसे आगे भी भुगतना पडेगा।

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