• अमरीका की मित्रता पर भरोसा नहीं : पाक

    इस्लामाबाद ! पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आज कहा कि अमेरिका 1960 तथा।970 के दशक से हमारा मित्र देश रहा है किन्तु उसकी मित्रता की विश्वसनीयता पर अब बहुत अधिक भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने सामरिक अध्ययन संस्थान में दक्षिण एशिया तथा पश्चिम एशिया का उल्लेख कर कहा कि इस क्षेत्र के लिए अमेरिका की विदेशनीति घातक सिद्ध हुई है और इसके चलते इसका भूगोल हमेश ा के लिए बदल गया है। ...

     इस्लामाबाद !   पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आज कहा कि अमेरिका 1960 तथा।970 के दशक से हमारा मित्र देश रहा है किन्तु उसकी मित्रता की विश्वसनीयता पर अब बहुत अधिक भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने सामरिक अध्ययन संस्थान में दक्षिण एशिया तथा पश्चिम एशिया का उल्लेख कर कहा कि इस क्षेत्र के लिए अमेरिका की विदेशनीति घातक सिद्ध हुई है और इसके चलते इसका भूगोल हमेशा के लिए बदल गया है।  उन्होंने कहा कि अमेरिका को लेकर बहुत सावधान रहना पड़ेगा क्योंकि हम अफगानिस्तान में हस्तक्षेप की कीमत अब चुका रहे है। उन्होंने कहा कि वर्ग तथा सम्प्रदाय के नाम पर इस क्षेत्र के विखराव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने आतंकवाद के विरूद्ध अभियान में पाकिस्तान के योगदान पर अमेरिका की निराशा को गलत बताया। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में हमारे योगदान के बावजूद वह निराशा व्यक्त कर रहा है। उन्होंने पश्चिम एशिया तथा दक्षिण एशिया की वर्तमान समस्याओं के लिए अमेरिका की विदेश नीति को जिम्मेदार ठहराया। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने भारत का उल्लेखकर कहा कि हमारे पूर्व के पड़ोसी ने शांति की हमारी पहल को गलत अर्थ में लिया है लेकिन इस देश के साथ हमारी समस्याएं शांति तथा समझौता वार्ता के माध्यम से ही हल की जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ जब सत्ता में आए थे तब उन्होंने भारत के साथ मिलकर काम करने का संकल्प किया था। शुरूआत में इस दिशा में प्रयास हुए और अच्छी प्रगति हुई किन्तु पिछले कुछ महीनों से सीमा पर स्थिति बिगड़ी है।उन्होंने हाल में नई दिल्ली में पाकिस्तानी राजनयिक की कश्मीरी नेताओं से भेंट पर भारत की प्रतिक्रिया का उल्लेख कर कहा कि भारत ने इसे बहुत अधिक महत्व दे दिया जिससे स्थिति बिगड़ी और दोनों देशों की सचिव स्तर की बैठक स्थगित की गई। इससे दोनों देशों को नुकसान हुआ और शांति प्रक्रिया को आघात पहुंचा। लेकिन हम इसके बावजूद शांति प्रयास करेंगे और हमें विश्वास है कि भारत स्थाई शांति तथा मित्रता कायम करने की प्रक्रिया को शुरू करेगा।

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