• महिला बंदियों को यौन उत्पीड़न एवं प्रताड़ना से बचाने के लिए 'तिहाड़ में अलग कोठरियां'

    नई दिल्ली ! दिल्ली की राज्य सरकार ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि तिहाड़ जेल में महिला बंदियों को यौन उत्पीड़न एवं प्रताड़ना से बचाने के लिए अलग कोठरियों की व्यवस्था है। प्रधान न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायाधीश आर. एस. एंडलॉ की खंडपीठ को राज्य सरकार की स्थायी वकील जुबेदा बेगम ने बताया कि तिहाड़ की जेल संख्या-6 में महिला बंदियों के लिए विशेष तौर पर कोठरियां बनाई गई हैं, जिसका प्रबंधन एक महिला अधिकारी करती है।...

    नई दिल्ली !   दिल्ली की राज्य सरकार ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि तिहाड़ जेल में महिला बंदियों को यौन उत्पीड़न एवं प्रताड़ना से बचाने के लिए अलग कोठरियों की व्यवस्था है। प्रधान न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायाधीश आर. एस. एंडलॉ की खंडपीठ को राज्य सरकार की स्थायी वकील जुबेदा बेगम ने बताया कि तिहाड़ की जेल संख्या-6 में महिला बंदियों के लिए विशेष तौर पर कोठरियां बनाई गई हैं, जिसका प्रबंधन एक महिला अधिकारी करती है।जुबेदा बेगम ने न्यायालय को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, तिहाड़ जेल में महिला आरोपियों के लिए अलग से कोठरियों की व्यवस्था है।उन्होंने कहा कि सरकार इस संबंध में विस्तृत ब्योरा मुहैया कराएगी।दिल्ली सरकार ने एक जनहित याचिका के जवाब में न्यायालय को अपना पक्ष पेश किया।वकील अवध कौशिक ने एक जनहित याचिका दायर कर महिला बंदियों एवं आरोपियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न, प्रताड़ना एवं दुर्व्यवहार को तुरंत रोके जाने की अपील की थी।

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