• सीबीआई प्रमुख के चयन पर विधेयक लोकसभा में पारित

    लोकसभा में बुधवार को दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम संशोधन से संबंधित विधेयक पारित हो गया। इसके तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के प्रमुख का चयन करने वाली समिति में सदन की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को सदस्य के रूप में शामिल किए जाने का प्रावधान है। मौजूदा लोकसभा में कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं है। संवैधानिक प्रावधान के अनुसार, यह दर्जा उस पार्टी को मिलता है, जिसके सदस्यों की संख्या लोकसभा के सदस्यों की संख्या की कम से कम 10 फीसदी होनी चाहिए। ...

    नई दिल्ली | लोकसभा में बुधवार को दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम संशोधन से संबंधित विधेयक पारित हो गया। इसके तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के प्रमुख का चयन करने वाली समिति में सदन की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को सदस्य के रूप में शामिल किए जाने का प्रावधान है। मौजूदा लोकसभा में कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं है। संवैधानिक प्रावधान के अनुसार, यह दर्जा उस पार्टी को मिलता है, जिसके सदस्यों की संख्या लोकसभा के सदस्यों की संख्या की कम से कम 10 फीसदी होनी चाहिए। इस संशोधन के तहत सीबीआई प्रमुख के चयन के लिए उच्च अधिकार प्राप्त समिति में कोरम की आवश्यकता भी समाप्त हो जाएगी। यह विधेयक ऐसे समय में काफी महत्व रखता है, जब सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा का कार्यकाल दो दिसंबर को समाप्त हो रहा है।  केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि विधेयक सीबीआई प्रमुख की चयन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए लाया जा रहा है। उन्होंने कोरम से बचने का प्रावधान किए जाने के पीछे किसी गुप्त उद्देश्य से इंकार किया और कहा, "यह सिर्फ ऐसी स्थिति विचार करना है, जब तीन में से एक सदस्य अनुपस्थित हो।"कांग्रेस ने सदन में इस विधेयक का विरोध किया और कहा कि यह लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। कांग्रेस सांसद एम.वीरप्पा मोइली ने कहा, "कोरम का मसला एक आपराधिक उदाहरण बनाने की कोशिश है। यह सिर्फ तानाशाही में हो सकता है न कि लोकतंत्र में।"


अपनी राय दें