• कालेधन पर संसद में हंगामा

    संसद के शीतकालीन सत्र के पहले कार्यदिवस में लोकसभा में कालेधन का मामला छाया रहा। विभिन्न विपक्षी पार्टियों ने सरकार को इस मसले पर घेरने की कोशिश की। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्य अध्यक्ष की आसंदी के नजदीक पहुंच कर कालेधन को लेकर नारेबाजी करने लगे। ...

    नई दिल्ली | संसद के शीतकालीन सत्र के पहले कार्यदिवस में लोकसभा में कालेधन का मामला छाया रहा। विभिन्न विपक्षी पार्टियों ने सरकार को इस मसले पर घेरने की कोशिश की। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्य अध्यक्ष की आसंदी के नजदीक पहुंच कर कालेधन को लेकर नारेबाजी करने लगे। उनके साथ जनता दल (युनाइटेड), कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य भी इस मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे प्रधानमंत्री इस पर जवाब दें कि काला धन वापस कब लाया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन जब इसके लिए राजी नहीं हुईं तो सदस्य 'काला धन वापस लाओ' लिखा काला छाता लेकर अध्यक्ष की आसंदी तक पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही दोपहर में शुरू होने पर, कामकाज फिर बाधित हुआ। विपक्ष जहां नारेबाजी करता रहा, वहीं इसके साथ-साथ लोक महत्व के लिए आवश्यक दस्तावेजों को सदन में पेश किया गया। टीएमसी सदस्यों ने राज्यसभा में भी नारेबाजी की। कालेधन पर चर्चा के लिए प्रश्नकाल के स्थगन की मांग को लेकर सभापति को नोटिस भी सौंपा गया। इससे पहले, टीएमसी सदस्यों ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया। इसमें सपा, जद (यू) और राजद सदस्यों ने भी उनका साथ दिया।  टीएमसी के सुखेंदु शेखर ने कहा, "मोदी ने 100 दिन के अंदर काला धन लाने का वादा किया था, लगभग 200 दिन बीत चुके हैं, उन्हें अब जवाब देना चाहिए।" इधर, जद (यू) के नेता के.सी.त्यागी ने कहा, "काला धन लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का मुख्य मुद्दा था, जिसके आधार पर वह चुनाव जीती है, लेकिन सरकार ने सत्ता में आने के बाद इस संदर्भ में कुछ नहीं किया है। हम इस पर विस्तृत चर्चा चाहते हैं।" त्यागी ने राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सभापति को नोटिस सौंपा।


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