• 2जी मामला : भुगतान को सौदेबाजी के रूप में दिखाकर अपराध को छुपाने की कोशिश

    नई दिल्ली ! 2जी स्पेक्ट्रम से संबंधित धन की हेराफेरी मामले की सुनवाई कर रही एक अदालत से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि भुगतान को सौदेबाजी के रूप में दिखाकर वास्तविक अपराध को छुपाने की कोशिश की गई। अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में प्रभाकांत ने अदालत से कहा कि वह जांच की देखरेख कर रहे थे और 2011 में प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक थे।...

    नई दिल्ली !  2जी स्पेक्ट्रम से संबंधित धन की हेराफेरी मामले की सुनवाई कर रही एक अदालत से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि भुगतान को सौदेबाजी के रूप में दिखाकर वास्तविक अपराध को छुपाने की कोशिश की गई। अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में प्रभाकांत ने अदालत से कहा कि वह जांच की देखरेख कर रहे थे और 2011 में प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक थे।इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, डीएमके सांसद कनिमोझी, स्वान टेलीकॉम के शाहिद उस्मान बिलवा और विनोद गोयनका, कुसेगांव फुट्र्स एंड वेजीटेबल्स के आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, फिल्म निर्माता करीम मोरानी, डीएमके प्रमुख मुत्तुवेल्लु करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल और कलैगनार टीवी के शरद कुमार व पी. अमृतम के विरुद्ध सुनवाई चल रही है।मामले में सिनेयुग मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, कलैगनार टीवी, डायनामिक्स रियल्टी, एवरस्माइल कंस्ट्रक्शन, कॉनवुड कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स, डीबी रियल्टी और निहार कंस्ट्रक्शन को भी आरोपी बनाया गया है।ईडी अधिकारी ने अदालत से कहा कि स्वान टेलीकॉम के प्रमोटरों ने अपने समूह की कंपनी डायनामिक्स रियल्टी के जरिए कुसेगांव और सिनेयुग से होते हुए कलैगनार टीवी को करीब 200 करोड़ रुपये का भुगतान किया और इसे वैध वित्तीय सौदेबाजी दिखाया।उन्होंने कहा कि आरोपी यह बताने में असफल रहे हैं कि कृषि और संबंधित क्षेत्र की कंपनी कुसेगांव का एक सिनेमैटोग्राफी कंपनी सिनेयुग में निवेश करने का क्या मकसद था।अधिकारी ने अदालत से कहा, "यह सरल सौदेबाजी नहीं थी। इसका मकसद अपराध से हुई आय को छुपाना था। यह ए. राजा द्वारा एकीकृत एक्सेस सर्विस (यूएएस) लाइसेंस के आवंटन के समय स्वान टेलीकॉम लिमिटेड (एसटीपीएल) की तरफदारी करने के लिए डीबी समूह द्वारा दिया गया।"आरोपपत्र में कहा गया है कि राजा और उनके सहयोगियों की ओर से अवैध भुगतान किया गया और टेलीकॉम लाइसेंस देने में स्वान टेलीकॉम की तरफदारी करने के एवज में रिश्वत लिया गया।अदालत ने 31 अक्टूबर को राजा, उनकी पार्टी सहयोगी कनिमोझी तथा अन्य के खिलाफ आरोप तय किया है।

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