• सिप्रोसिन में चूहा मार दवा होने का खुलासा, स्वास्थ्य मंत्री की हो सकती है छुट्टी

    रायपुर ! बिलासपुर के कानन पेंडारी नसबंदी प्रकरण में 13 महिलाओं की मौत की वजह आज सामने आ गई। दवाओं की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि सिप्रोसिन 500 दवा में चूहा मारने की दवा जिंक फास्फेट मिली हुई है। इस बात की पुष्टि आज प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने एक निजी चैनल में की है।...

    पेंडारी नसबंदी प्रकरण : जांच रिपोर्ट आई स्वास्थ्य मंत्री ने की पुष्टिरायपुर !  बिलासपुर के कानन पेंडारी नसबंदी प्रकरण में 13 महिलाओं की मौत की वजह आज सामने आ गई। दवाओं की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि सिप्रोसिन 500 दवा में चूहा मारने की दवा जिंक फास्फेट मिली हुई है। इस बात की पुष्टि आज प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने एक निजी चैनल में की है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रकरण के सामने आने के बाद शासन ने सिप्रोसिन 500 दवा सहित उक्त महावर फार्मा की सभी दवाओं को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित किया था और सिप्रोसिन 500 दवा की जांच के लिए उसे देश के प्रतिष्ठित लैब में भेजा गया था। वहां से जांच रिपोर्ट शासन को मिल गई है। उक्त जांच में सिप्रोसिन 500 दवा में जिंक फास्फेट नामक तत्व पाया गया है। यह चूहा मारने के उपयोग में आता है। वहीं श्री अग्रवाल ने अब मामले में नया मोड़ तथा चिकित्सक डॉ. आरके गुप्ता एवं सीएमएचओ डॉ. भांगे पर किसी प्रकार की नर्मी बरतने से इंकार करते हुए कहा कि चिकित्सकों पर कार्रवाई नसबंदी प्रकरण में अनियमितता बरतने को लेकर की गई है। दवा का विषय अलग है। श्री अग्रवाल ने यह भी कहा कि अब दवा कारोबारी के ऊपर सीधे कार्रवाई की जा सकती है। गौरतलब है कि बिलासपुर के कानन पेंडारी में नसबंदी शिविर के बाद 13 महिलाओं की मौत हो गई थी। जिसके बाद प्रदेश सहित देश-विदेश में भी शासन की जमकर किरकिरी हुई। वहीं इस प्रकरण के बाद 117 महिलाओं को गंभीर हालत में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था, जिनमें से कई की हालत में अब सुधार हुआ है। उक्त प्रकरण में सिप्रोसिन 500 दवा के उपयोग की जानकारी भी मिली थी। जिसे बाद में प्रतिबंधित कर दिया गया था। वहीं उक्त दवा कंपनी के मालिक रमेश महावर व सुमित महावर को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। वहीं नसबंदी करने वाले डॉ. आरके गुप्ता भी अभी न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हंै। वहीं प्रकरण के सामने आने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस को भी इस पर राजनीति करने का मौका मिल गया और कांग्रेस के आहृवान पर एक बार प्रदेश बंद भी करवा चुके हैं। इस आंदोलन को लोगों का भारी समर्थन भी मिला। जिसके बाद कांगे्रेसी गद्गद् हो गए और लगातार धरना-प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा मांग रहे हंै। इसी मुद्दे पर अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों ने भी जमकर प्रदर्शन किया था और अमर अग्रवाल के बंगले तक पहुंच गए थे, जिन्हें बाद में पुलिस ने खदेड़ दिया था। वहीं इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी, आप पार्टी के सदस्य योगेन्द्र यादव भी बिलासपुर जाकर पीडि़तों से मिले और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग की थी। वहीं आज से कांग्रेस ने बिलासपुर से लेकर राजधानी तक महतारी न्याय यात्रा भी निकाली है, जो 27 नवंबर को राजधानी पहुंचेगी। इस यात्रा के माध्यम से कांग्रेसी स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल को बर्खास्त करने तथा मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहे है।अमर दे सकते हैं इस्तीफा!नसबंदी प्रकरण के सामने आने के बाद से स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल बैकफुट पर हैं। खुद उनकी ही पार्टी के नेता और पदाधिकारी चाहते हैं कि वे स्वयं से इस्तीफा दे दें और आज दवा की जांच रिपोर्ट आने के बाद खुद स्वास्थ्य मंत्री ने स्वीकार किया है कि सिप्रोसिन 500 में चूहा मार दवा मिली हुई थी। जिसके बाद यह अटकलें लगाई जा रही हंै कि संभवत: एक-दो दिन के भीतर अमर अग्रवाल इस्तीफा दे सकते हैं, ताकि विपक्ष के हमलों की धार को कम किया जा सके।

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